हिंदी हमारी अपनी भाषा.
अहिंदी वालों की देन अधिक.
कश्मीर से कन्याकुमारी तक
हिंदी का प्रचार.
तमिल नाडु में शासक, राजनैतिक दल
विरोध करने पर भी.
पढनेवालोंकी संख्या अधिक.
जानने समझने की चाह अधिक.
खडी बोली ढाई लाख जनता की,
1900से भारतेंदु हरिश्चंद्र के कारण
व्रज अवधी मैथिली और अन्य बोलियों के
सिरमौर की भाषा हिंदी,
संस्कृत की बेटी, उर्दू की सहोदरी.
हिंदी विश्व की तीसरी बडी भाषा बनी है.
अहिंदी वालों की देन अधिक.
कश्मीर से कन्याकुमारी तक
हिंदी का प्रचार.
तमिल नाडु में शासक, राजनैतिक दल
विरोध करने पर भी.
पढनेवालोंकी संख्या अधिक.
जानने समझने की चाह अधिक.
खडी बोली ढाई लाख जनता की,
1900से भारतेंदु हरिश्चंद्र के कारण
व्रज अवधी मैथिली और अन्य बोलियों के
सिरमौर की भाषा हिंदी,
संस्कृत की बेटी, उर्दू की सहोदरी.
हिंदी विश्व की तीसरी बडी भाषा बनी है.