Search This Blog

Monday, October 20, 2025

शिक्षक

 


– एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक

21-10-25


शिक्षक दीपक, ज्ञान ज्योति है,

कलम उसी की ज्योति प्रीति है।

वह लिखता जब सत्य की बात,

जग पाता नव जीवन-प्रभात॥


ग्रंथों में मोती चुन चुन कर,

छात्रों को देता सदा उजागर।

अंधकार मिटाता मन से,

भर देता विज्ञान-किरन से॥


प्रशिक्षण पाकर नव युगधर्मी,

कलम से रचता भाव कीर्मी।

विज्ञान, कला, राजनीति सारी,

उसकी दृष्टि विवेक-संचारी॥


अभिनय, संगीत, कला का संग,

शिक्षक में हो गुणों का रंग।

जो अंतर्क्रिया जग में लाए,

वह सच्चा शिक्षक कहलाए॥


कलम न उसकी साधन मात्र,

वह आत्मा उसकी — दीप प्रातः।

ज्ञान-सृजन की यही निशानी,

शिक्षक-कलम अमर कहानी

No comments:

Post a Comment