नेत्र दान कीजिये . क्यों ?
आँखें बोलती हैं अनेक बातें,
आँखे दिखाने पर क्रोध है तो
आँखें मारने पर प्रेम.
आँखें रोने पर दुःख ,शोक , करुणा .
आँखों से पता चलता है ,
आदमी की अमीरी, गरीबी , आनंद-उल्लास.
आँखें बोलती हैं करुण कथा.
आँखें देखते ही पता चलता मनुष्य की दशा.
नेत्र विहीनों को सोचो,
न जान सकता फूलों के रंग.
न जान सकता फूलों के आकार शोभा.
देखते ही पता न लगता आदमी किस मजहब का,
किस देश का , किस सम्रदाय का.
टेढ़े मेढ़े रास्ते पर चलना है मुश्किल.
सोचो विचारों उसकी दयनीय दशा.
तुरत दर्ज करो नेत्रदान के लिए.
आँखें तब तक , जब आँखें सदा के लिए बंद न हो.
सोचो- विचारों नेत्र दान करो.