Tuesday, March 13, 2018
आज के चिंतन .
हाथ जोड़ प्रणाम कर ,
हाथ न छोड़ेगा परमेश्वर.
साथियाँ होंगे अनेक.
नाते -खून के रिश्ते अनेक .
धनी मित्र ,धनी नाते-रिश्ते
ज़रा सी बात पर छूट सकते हैं , पर
परमेश्वर हमारी सृष्टी की है ,
छोड़ेंगे कभी नहीं,
हर पल साथ रह पालेंगे हमें ,
हर क्षण देंगे उचित ज्ञान .
काम देंगे ,दाम देंगे ,धाम देंगे ,
छोड़ेंगे नहीं कभी.
Wednesday, March 7, 2018
दर्शन
जीना एक कला है,
या
विज्ञान
पता नहीं,
पर दर्शन शास्त्र जरूर.
जानते हैं,
न जानते हैं,
समझते हैं,
न समझते हैं,
समझाते हैं,
समझाने में
असमर्थ होते हैं,
दोष निकालकर हैं,
खुद दोषी बन जाते हैं.
अंत में यह निष्कर्ष
निकालते हैं,
सब की नचावत राम गोसाई.
आज ब्रह्म मुहूर्त का चिंतन,
बाह्याडंबर ही प्रधान
बन जाता है,
स्व रचित.. अनंतकृष्णन.
8610128658.
72, लक्ष्मी इल्लम,
अण्णा नगर सेकंड
क्रास स्ट्रीट, वेलच्चेरी, चेन्नई.
600042.
या
विज्ञान
पता नहीं,
पर दर्शन शास्त्र जरूर.
जानते हैं,
न जानते हैं,
समझते हैं,
न समझते हैं,
समझाते हैं,
समझाने में
असमर्थ होते हैं,
दोष निकालकर हैं,
खुद दोषी बन जाते हैं.
अंत में यह निष्कर्ष
निकालते हैं,
सब की नचावत राम गोसाई.
आज ब्रह्म मुहूर्त का चिंतन,
बाह्याडंबर ही प्रधान
बन जाता है,
स्व रचित.. अनंतकृष्णन.
8610128658.
72, लक्ष्मी इल्लम,
अण्णा नगर सेकंड
क्रास स्ट्रीट, वेलच्चेरी, चेन्नई.
600042.
Monday, March 5, 2018
ईश्वरीय आतंक
बहुत ही जल्द से जल्द,
खर्च करना आसान.
कमाना अति कठिनतम.
एक अधिकारी का घर,
मनमाना रिश्वत.
उसकी बेटी की शादी,
बरफ की सुंदर मूर्तियाँ,
देवी-देवताएँ,
शनैः शनैः गल रही थी,
केवल मूर्तियाँ ही नहीं,
अधिकारी का ईश्वरीय
भय - आतंक भी.
तरकारियें में ईश्वर,
भात में ईश्वर,
फिर प्रसाद के रूप में
बाँटकर खाना,
ईश्वर भक्ति पच रही है,
बाह्याडंबर का अति भक्ति,
नयी नयी सोच, नये नये ढंग,
बाह्य तडक भटक,
असली भक्ति नकली आडंबरता
के आगे की पड गई.
(स्वरचित अनंतकृष्णन द्वारा)
.
खर्च करना आसान.
कमाना अति कठिनतम.
एक अधिकारी का घर,
मनमाना रिश्वत.
उसकी बेटी की शादी,
बरफ की सुंदर मूर्तियाँ,
देवी-देवताएँ,
शनैः शनैः गल रही थी,
केवल मूर्तियाँ ही नहीं,
अधिकारी का ईश्वरीय
भय - आतंक भी.
तरकारियें में ईश्वर,
भात में ईश्वर,
फिर प्रसाद के रूप में
बाँटकर खाना,
ईश्वर भक्ति पच रही है,
बाह्याडंबर का अति भक्ति,
नयी नयी सोच, नये नये ढंग,
बाह्य तडक भटक,
असली भक्ति नकली आडंबरता
के आगे की पड गई.
(स्वरचित अनंतकृष्णन द्वारा)
.
Friday, March 2, 2018
vichitra sukam ---ajeeb sukh
DrRamshankar Chanchal की कविता का तमिल अनुवाद
अजीब सुख /सुकून है -- விசித்திர சுகம்
तेरी मासूमियत मै உன் அறியாமையில்
मुस्कराहट मै உன் புன் சிரிப்பில்
सोचता हूँ நினைக்கிறேன்
मुस्कराहट मै உன் புன் சிரிப்பில்
सोचता हूँ நினைக்கிறேன்
दुनिया क्यों नही हो जाती உலகம் உன்னைப்போல் ஏன்
तेरी तरह /छल-कपट வஞ்சனை கபடம் அன்பு -வெறுப்பு
जलन -ईर्ष्या /राग -द्वेश
ऊँच-नीच /जाति-धर्म सबसे बेखबर உயர்ந்தவர் -தாழ்ந்தவர்
तब हाँ तब दुनिया भी ஜாதி -மதம் எதையும்
அறியாமல்
உன்னைப்போல்
जलन -ईर्ष्या /राग -द्वेश
ऊँच-नीच /जाति-धर्म सबसे बेखबर உயர்ந்தவர் -தாழ்ந்தவர்
तब हाँ तब दुनिया भी ஜாதி -மதம் எதையும்
அறியாமல்
உன்னைப்போல்
लगेगी तेरी तरह கடவுள் இருப்பதை
உணர்த்துவதுபோல்
किसी ईश्वरीय उपस्थिति का
एह्साह कराती டாக்டர் சஞ்சல் சுகத்தைத்
தேடி எல்லா
மதுக்கடைகளுக்கும்
सुख -सुकून देती ..........
डॉ चंचल .....सारा मदिरालय घूम गया கோப்பை
கோப்பையாக குடித்து
சுற்றி வந்துவிட்டேன்
प्याले -प्याले को चूम गया
जब तू खिलखिलाया நீ கல கல என்று
சிரித்ததும்
குடிக்காமலேயே
ஆடி விட்டேன் .
உணர்த்துவதுபோல்
किसी ईश्वरीय उपस्थिति का
एह्साह कराती டாக்டர் சஞ்சல் சுகத்தைத்
தேடி எல்லா
மதுக்கடைகளுக்கும்
सुख -सुकून देती ..........
डॉ चंचल .....सारा मदिरालय घूम गया கோப்பை
கோப்பையாக குடித்து
சுற்றி வந்துவிட்டேன்
प्याले -प्याले को चूम गया
जब तू खिलखिलाया நீ கல கல என்று
சிரித்ததும்
குடிக்காமலேயே
ஆடி விட்டேன் .
बिना पीये ही झूम गया ...... அன்ரவ் மற்றும் உலகின்
அனைத்துக்
குழந்தைகளுக்கும்
அனைத்துக்
குழந்தைகளுக்கும்
अरनव और
दुनिया के तमाम बच्चो को स्नेह .. என் உள மகிழ்ந்த அன்பு
,ஆசிகள்
आशीर्वाद दिल से ...
अपना तो हर दिन नया दिन ..,. எனக்கு ஒவ்வொரு நாளும்
புதிய நாள்
हर दिन जन्म दिन ஒவ்வொரு நாளும் புதிய நாள்.
दुनिया के तमाम बच्चो को स्नेह .. என் உள மகிழ்ந்த அன்பு
,ஆசிகள்
आशीर्वाद दिल से ...
अपना तो हर दिन नया दिन ..,. எனக்கு ஒவ்வொரு நாளும்
புதிய நாள்
हर दिन जन्म दिन ஒவ்வொரு நாளும் புதிய நாள்.
Wednesday, February 28, 2018
हिंदी प्रचार
तमिल नाडू में हिंदी पढ़े लिखे लोगों को नौकरी देने
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा
कोई कदम न उठाकर
अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल
,उच्च शिक्षा ,प्रशिक्षण कालेज
तोरण द्वार ऐसे करोड़ों रूपये
खर्च कर रही हैं.
केंद्र सरकार हिंदी अफसर को कितने रूपये देती है ?
कितने लोग हिंदी सीखते हैं .
कितने करोड़ खर्च कर रही है.
आजादी के सत्तर साल में हिंदी के कितने करोड़ खर्च ?
नतीजा क्या हुआ?
यहाँ प्रचारक एडी चोटी एक करके छात्र भेज रहे है.
उनमे कितने प्रशिक्षित?
केवल आंकड़ों पर ध्यान देते हैं तो
हिंदी परिक्षा केन्द्रों को परिक्षा के समय
निरीक्षण करना है.
प्रवीण बी.ए ., स्तर की परीक्षा
दस -तेरह साल में उत्तीर्ण छात्र ?
क्या बी.ये , स्तर के लिए आयु निर्णय नहीं.
एक प्रिंसिपल पूछती हैं ,
मेरे स्कूल में सातवीं कक्षा में दस प्रवीण उत्तीर्ण छात्र है ,
उनमें हिंदी की योग्यता बी. ये. स्तर की नहीं है .
क्या उनको हिंदी प्रमाण पत्र के आधार पर
हिंदी पंडित की नियुक्ति कर सकते हैं ?
वहां सभा के द्वारा हर जिले में स्थायी प्रशिक्षित हिंदी अध्यापक को
वेतन ,इन्क्रीमेंट ,देकर स्थायी प्रचारक
आम लोगों में प्रचार करने नियुक्त नहीं कर रही है .
जो भी आते हैं सुन्दर इमारत देख सभा की प्रशंसा में लग जाते हैं.
उनसे पूछिए--आम जनता में हिंदी प्रचार के लिए
स्थायी प्रचारकों की नियुक्ति क्यों नहीं की है?
पैसे के आभाव है तो
तोरण द्वार,
अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल की इमारत आदि के लिए
पैसे कहाँ से आती हैं ?
आम लोगों में क्यों सभा अप्रशिक्षित प्रमाणित प्रचारकों पर निर्भर है?
सौ करोड़ रूपये इमारत बनाने की योज़ना
सभा के कार्यकारिणी समिति बना सकती हैं ?
केवल दिखावा और बाह्याडम्बर के लिए ?
उनसे पूछिए,
हिंदी प्रचार करने सभा ने
कितने स्थायी प्रचारकों की नियुक्ति की है ?
जवाब नहीं.
जहां स्चूलों में हिंदी नहीं ,
वहां सभा अपने स्थायी प्रचारक नियुक्ति करके
हिंदी प्रचार में लागायेगी तो तमिलनाडु में
हिंदी छात्र संख्या बढ़ेगी.
अंग्रेज़ी माध्यम विद्यालय तो क्यों ?
वहां भी स्थायी अध्यापक है या अस्थायी ?
जब वहां स्थायी अध्यापक की नियुक्ति कर सकती है तो
हर जिला में स्थायी हिंदी प्रचारक नियुक्ति क्यों नहीं कर सकती ?
इसके लिए क्यों पैसे वसूल न कर सकती ?
इस प्रश्न का सवाल किया तो जवाब नहीं .क्यों ?
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा
कोई कदम न उठाकर
अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल
,उच्च शिक्षा ,प्रशिक्षण कालेज
तोरण द्वार ऐसे करोड़ों रूपये
खर्च कर रही हैं.
केंद्र सरकार हिंदी अफसर को कितने रूपये देती है ?
कितने लोग हिंदी सीखते हैं .
कितने करोड़ खर्च कर रही है.
आजादी के सत्तर साल में हिंदी के कितने करोड़ खर्च ?
नतीजा क्या हुआ?
यहाँ प्रचारक एडी चोटी एक करके छात्र भेज रहे है.
उनमे कितने प्रशिक्षित?
केवल आंकड़ों पर ध्यान देते हैं तो
हिंदी परिक्षा केन्द्रों को परिक्षा के समय
निरीक्षण करना है.
प्रवीण बी.ए ., स्तर की परीक्षा
दस -तेरह साल में उत्तीर्ण छात्र ?
क्या बी.ये , स्तर के लिए आयु निर्णय नहीं.
एक प्रिंसिपल पूछती हैं ,
मेरे स्कूल में सातवीं कक्षा में दस प्रवीण उत्तीर्ण छात्र है ,
उनमें हिंदी की योग्यता बी. ये. स्तर की नहीं है .
क्या उनको हिंदी प्रमाण पत्र के आधार पर
हिंदी पंडित की नियुक्ति कर सकते हैं ?
वहां सभा के द्वारा हर जिले में स्थायी प्रशिक्षित हिंदी अध्यापक को
वेतन ,इन्क्रीमेंट ,देकर स्थायी प्रचारक
आम लोगों में प्रचार करने नियुक्त नहीं कर रही है .
जो भी आते हैं सुन्दर इमारत देख सभा की प्रशंसा में लग जाते हैं.
उनसे पूछिए--आम जनता में हिंदी प्रचार के लिए
स्थायी प्रचारकों की नियुक्ति क्यों नहीं की है?
पैसे के आभाव है तो
तोरण द्वार,
अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल की इमारत आदि के लिए
पैसे कहाँ से आती हैं ?
आम लोगों में क्यों सभा अप्रशिक्षित प्रमाणित प्रचारकों पर निर्भर है?
सौ करोड़ रूपये इमारत बनाने की योज़ना
सभा के कार्यकारिणी समिति बना सकती हैं ?
केवल दिखावा और बाह्याडम्बर के लिए ?
उनसे पूछिए,
हिंदी प्रचार करने सभा ने
कितने स्थायी प्रचारकों की नियुक्ति की है ?
जवाब नहीं.
जहां स्चूलों में हिंदी नहीं ,
वहां सभा अपने स्थायी प्रचारक नियुक्ति करके
हिंदी प्रचार में लागायेगी तो तमिलनाडु में
हिंदी छात्र संख्या बढ़ेगी.
अंग्रेज़ी माध्यम विद्यालय तो क्यों ?
वहां भी स्थायी अध्यापक है या अस्थायी ?
जब वहां स्थायी अध्यापक की नियुक्ति कर सकती है तो
हर जिला में स्थायी हिंदी प्रचारक नियुक्ति क्यों नहीं कर सकती ?
इसके लिए क्यों पैसे वसूल न कर सकती ?
इस प्रश्न का सवाल किया तो जवाब नहीं .क्यों ?
Tuesday, February 27, 2018
शब्द शक्ति
शब्द शक्ति का अपना महत्त्व ,
अश्वत्थामा जोर ,
कुंजरः धीमी ,
महा भारत में द्रोण की मुक्ति.
संकेत में शक्ति अपनी ,
जांघ मार के संकेत ,
दुर्योधन की मृत्यु.
आँखें मारी सुन्दरी ,
युवक बना पागल,
संकेत की अपनी शक्ति ,
काले बादल छाना ,
मोर का नाच ,
मोरनी का वश .
नाद में हिरन ,
संपेरे के बीन में नाग,
शब्द बेदी बाण का
दशरथ का शाप.
शब्द श्लेष में
पानी न तो न जीवन .
नर का ,नारी का, पद का ,
पेड़ पौधों का ,मोटी की चमक का.
शब्द शक्ति का महत्व वर्णनातीत .
स्वरचित --अनंत कृष्णन
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