प्रेम पत्र
भगवान के नाम
माता पिता के नाम
कोई किसी पर नहीं शिकायत.
पड़ोसिन पडोसी के नाम
पत्र कितना भाव, कितना मनोविकार.
प्रेम पत्र गुस्सा होने के लिए नहीं,
प्यार पाने को लिए,
चंद घडी के लिए नहीं,
शाश्वत बंधन के लिए.
न मुझे ऐसा मौका न मिला,
माँ बाप द्वारा वह वैवाहिक आनंद.
किया सचमुच प्रे म पत्र के बंधन में है,
पता नहीं.
माता पिता द्वारा बंधन,
कितने नाते रिश्ते
कितने प्यार, कितना अाशीरिवाद.
पर प्रेम पत्र विवाह कितनों. का निंदा,
बडों की वेदना, बददुआ,
कैसे मिलेगी शांति, संतोष, आनंद.
भगवान के नाम
माता पिता के नाम
कोई किसी पर नहीं शिकायत.
पड़ोसिन पडोसी के नाम
पत्र कितना भाव, कितना मनोविकार.
प्रेम पत्र गुस्सा होने के लिए नहीं,
प्यार पाने को लिए,
चंद घडी के लिए नहीं,
शाश्वत बंधन के लिए.
न मुझे ऐसा मौका न मिला,
माँ बाप द्वारा वह वैवाहिक आनंद.
किया सचमुच प्रे म पत्र के बंधन में है,
पता नहीं.
माता पिता द्वारा बंधन,
कितने नाते रिश्ते
कितने प्यार, कितना अाशीरिवाद.
पर प्रेम पत्र विवाह कितनों. का निंदा,
बडों की वेदना, बददुआ,
कैसे मिलेगी शांति, संतोष, आनंद.