Tuesday, June 11, 2024

चंद पल

 साहित्य बोध  बिहार इकाई को एसअनंतकृष्णन चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक का विनम्र नमस्कार। वणक्कम।

 १९-५-२४

विषय --साथ कुछ लम्हों का।

विधा --अपनी हिंदी अपने विचार अपनी शैली भावाभिव्यक्ति मौलिक रचना स्वरचित।

    हे भगवान! प्रार्थना है मेरी।

    मनो कामना है मेरी।

     ख्वाब है मेरा।

     कुछ लम्हों  के लिए  

     तू मुझसे साक्षात्कार करो।

       उस परमानंद का अनुभव करूँ,

       उस ब्रह्मानंद का अनुभव करूँ,

         तेरे रूप का बखान है बढ़ा चढ़ाकर।

          वह विश्वरूप दर्शन,

          कर्ण को दिया है।

         युद्ध क्षेत्र में एक षड्यंत्र।

         इन सब की वजह पूछूँगा।

        असुरों का शासन, देवों को जेल।

       दधिचि की रीढ़ की हड्डी क्यों 

       साथ कुछ लम्हों में जवाब देना।

       भ्रष्टाचारी  सांसद विधायक मंत्री।

      अश्लील  निर्माता, नायिका क्यों?

       सूक्ष्म तेरी लीला के जवाब,

      चंद लम्हों में देना।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक

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