विचार हैं दो।
अंत:मन सतह मन।
मर्यादा बढ़ाने मान की रक्षा करने।
दिल में प्यार, लचीला त्याग।
मोह में कवि
योग में रमण महर्षि।
भक्ति में सिद्ध पुरुष
प्यार में दीवाना।।
हर एक क्षण
हजारों विचार।
नायक विचार
खल नायक जलन।
पवित्र जल
निःसंदेह प्यास।
प्राचीन दुनिया
बताने वाले दुख।
किले अनेक
राग अनेक।
एकांत स्थिति में
धरणी की अभिलाषाएँ।
बगैर खोदे भूकंप
मन रूपी खजाना।
स्वरचित स्वचिंतक एस . अनंतकृष्णन
तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक