Saturday, January 18, 2020

निर्भया

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
    भय रहित यात्रा पर वह निर्भया
   बलात्कार  का पात्र।
रावण ले गया
भीष्म  लिए गये
ये पुराण पात्र ।
पति को मारा ।
नूर को उठा लाया।
वह मुगल  का पात्र।
हर बात में  ईश्वर की लीला
हर बात ईश्वर  की सृष्टि  है  तो
दोष किसका?
12साल की शादी  वाले देश में
16  साल को दंड से  छूट क्यों?
युग युग की कहानी  बदलेगा कौन?
स्वरचित  स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।

Thursday, January 16, 2020

गुरु शिष्य परंपरा का लोप

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
 गुरु शिष्य परंपरा  का लोप 17-1-2020।
गुरु  कौन है ?
गुरु उच्च  कुल के
 प्रतिभाशाली छात्र को ही
सिखाने वाले हैं।
गुरु कुल में  ब्रह्मचारियों  को
 गुरु सेवा प्रधान बनाकर
शिक्षा  देनेवाले।
गुरु  की आज्ञा  से
अंगूठा  ही क्या  सिर तक
 काटकर देनेवाले।
आजकल  इतनी आज्ञाकारी  शिष्य नहीं।
आजकल के अध्यापक 
द्रोण जैसे  अंगूठे की माँग नहीं करते।
अध्यापक  संघ मज़दूर  संघ समान।
गुरु  राजा का गुलाम।
कर्ण की जाति देख शाप देनेवाले  निष्ठुर।
अध्यापक  वेतन  भोगी।
उच्च  निम्न वर्ग  न देखता।
सब को प्रतिभाशाली हो या औसत बुद्धि वाले हो या मंद बुद्धि 
सबको शिक्षा देनेवाले ।
पैसे प्रधान।
ट्यूशन छात्रों  को
विशेष  अंक देनेवाले।
बाये हाथ लिखकर दायें हाथ में
अंक देनेवाले।
अध्यापक  को  छात्र को
मारना पीटना गाली देना मना।
डर डर कर चलनेवाले।
अधिकारी  का भय।
राजनीतिज्ञ का भय।
बदमाश  अभिभावकों  का भय।
बोलने का भय।
क्रोध  में  कोई अपशब्द  निकलें तो
नौकरी जाने का भय।
गुरु शिष्य परंपरा 
हिरण्यकशिपु  के काल से
आज तक तटस्थ  संबंध  नहीं।

स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।

Tuesday, January 14, 2020

।आज का युवा इतना अधीर हो

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस .अनंतकृष्णन का प्रणाम।
 आज का युवा  इतना अधीर क्यों?
 15-1-2020।
  जागो! युवकों।
सवाल  उठा है अधीर हो।
स्नातक स्नातकोत्तर शिक्षित समुदाय के
युवक युवतियों के  दिल अधीर।
सब्रता नहीं जानते।
कारण मेहनती नहीं।
केवल किताब के कीडे।
 दूरदर्शन  -मोबयिल के बेगार।
विवेकानंद  भगवान  से बढकर
स्वास्थ्य  को प्रधानता देते।
तिरुमूलर् ने तिरुवासकम में
शरीर को ही मंदिर मानते।
बाह्य आकर्षण  इतना अधिक।
आत्मनियंत्रण आत्मसंयम
नहीं  के बराबर।
विनम्रता अनुशासन
गुरु भक्ति  के अभाव की शिक्षा।
अध्यापक  वेतन भोगी।
मातृभाषा  के नैतिक  ग्रंथों  को
  पाठ्यक्रम में  कम स्थान।
ईसाई मुगल स्कूलों में
कुरान बाइबिल की पढाई।
सरकारी स्कूलों  में  प्रार्थना  का अभाव।
अंग्रेजों  के आगमन मुगलों  के तलाक
संभोग  भोग  नववर्ष मधु प्रधान।
वेतन भोगी  अध्यापक।
अनैतिक  व्यवहार।
शारीरिक  कमज़ोरी।
परिणाम  मानसिक  कमजोरी।
युवक  अधीर ।
भारतीय  प्राणायाम।
योगाभ्यास  का अभाव।
मनमाना जीवन।
परिणाम निस्संतान दंपति ।
तलाक, बलात्कारी।
जितेंद्र न तो अधीनता अनिवार्य।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।

Monday, January 13, 2020

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
  स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
 शीर्षक:  महँगाई। 13-1-2020
 माँग बढ़ने पर महँगाई।
उत्पादन कम होने पर महँगाई।
भ्रष्टाचारियों  के कारण महँगाई।
कालाबाजार के कारण महँगाई ।
लोभ के कारण महँगाई।
मानव के बाह्याडम्बर के कारण महँगाई।
सिनेमा  क्रिकेट टिकट ब्लाक में
लेने से  महँगाई।महँगाई।
पेट्रोल   दो करों के कारण।
राज्य कर , केंद्र  कर।
करों  के कारण महँगाई।
गंगा  में  बाढ।
मिनरल वाटर बाटिल
ये तो  विदेशी  रिश्वत का फल।
हेलमेट की मृत्यु  से कार की ।
मृत्यु  अधिक।
पियक्कड़ चालक के कारण।
महँगी अभिनेता  न्याय की महँगाई।
बड़ों  बड़ों का समर्थन  ।
वकीलों  की महँगाई।
गवाहों  का नदारद।
महँगाई श्मशान के ठेके से
पानी के ठेके तक।
झील  की लंबाई चौडाई।
खेती कम।महँगाई अधिक।
कारण स्वार्थ  राजनीतिज्ञ।
सौ करोड से ज्यादा खर्च।
आध्यात्मिक  महँगाई
अंधविश्वास  आधार।
स्वरचित।

Saturday, January 11, 2020

प्रदूषण

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
 प्रदूषण  केवल जल,हवा, पानी, 
भूमिकी ही चर्चा  यह तो सही।
पर समाज  में  संक्रामक  रोग
असाध्य  रोग  उत्पन्न करनेवाले
एक अति भयंकर  प्रदूषण  है ,
विचारों  का प्रदूषण।
युवकों  में  चित्रपट,दूरदर्शन  आदि।
कथानक में  जेल में  रिश्वत।
पुलिस  में  रिश्वत।
न्यायालय  में  रिश्वत।
धनी है तो हत्याएँ।
मजदूरी हत्याएँ।
अस्पताल  में आक्सीजन सिलिंडर काटना।
दवा बदलना।
जेल में  अमीरों  के गुलाम  अधिकारी।
आर टी ओ अमीरों  को जमानत।
अंतरजाल में  अश्लीलता
अध्यापक  की कामवासना।
न जाने बडा चढाकर प्रदूषण
विचारों  का प्रदूषण  अति भयंकर।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।

Thursday, January 9, 2020

जागो।जगाओ।

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
 जागो! जगाओ!जगवाओ।
ममता के कारण  मरते हैं  कई।
माया  महा ठगनी  कबीर  ने कहा।
करुणा  और निधि के कारण
कर्ण दानवीर सर्व धर्म  छोडा।
 ममता, माया, करुणा।
पात्र कुपात्र सोचकर करना।
कर्ण  का अपमान  कुंती  की निर्ममता।
भीष्म  की ममता  शरशय्या तक।
अर्जुन  की गुरु भक्ति
दुरोण की हत्या  तक।
द्रोण  की राजभक्ति ।
उनके प्राण पखेरू  उडते तक।
कैकेई  की ममता मंथरा के षडयंत्र  तक।
 ईश्वर अल्लाह ईसा
सुनामी में  न दिखाता
भेदभाव।
सोना एक मिट्टी  एक
सबके गाढने की भूमि छे फुट।
 घुसपैठिये  गैरकानूनी  को
नागरिकता   देने के समर्थक।
माया  निर्ममता  उनको बेकरुण
शैतानियत शक्ति।
माया ममता महा ठगनी।
कबीर ने कहा सत्यवचन।
जागो।सोचो ।विचारो।
देश भक्त बनो।
स्वचिंतक स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।

कटु सत्य

मैं  जानता हूँ वास्तविकता।
खर्च करने  के  पहले  सबको ठीक करना था। मैं  अपने जेब से एक पैसा भी खर्च  नहीं  करूँगा।
यह मेरा अपना घर का काम नहीं।
जवानी के जोश में  भी
केवल मुफ्त  प्रचार  किया।
गाँधीजी ने अपने जेब  का खर्च  नहीं  किया।
खाली हाथ  आया हूँ।  खाली जानेवाला  हूँ।
शब्द शक्ति  से सत्य  बोलता हूँ।
पैसे खर्च  भी करता हूँ।
सभा चुनाव  में  जीतना प्रचारक की भलाई  के लिए।
यथा शासक तथा प्रजा।
सौ करोड सांसद। विधायक।
जागते नहीं  लोग।
  कोई  दयालू है आपका घाटा पूरा करने।
आजकल के शासक  चुनाव  जीतने का खर्च  उनको वोट  देनेवाले।
मंदिर तोडने पर चुप।
मंदिरों  की चोरी।
पहली बार सभा चुनाव  लडा तो
अनुभवी प्रचारकों  ने यह कहकर वोट नहीं  दिया।तुम गैर कानूनी काम नहीं  करोगे।कटु सत्य  बोलोगे।
सौ करोड  वसूल की योजना।
अंग्रेज़ी  माध्यम खोलने की योजना।
प्रचारक  की भलाई  योजना तो
उच्च  शिक्षा   आम जनता  में
हिंदी  प्रचार  करने योजना नहीं

प्रचारक कमिशन एजंट।
 कटु सत्य  । मानने तैयार  नहीं।
मैं  कैसे आगे आऊँ।
ढलती उम्र मे।
भ्रष्टाचार बढा।खुशामद बढा।
सार्वजनिक  काम से  पीछे।
लिखता हूँ  इसलिए  कि कोई  न पढेगा।
पचास  हजार खर्च  कर
अपनी रचना  डालने का पागलपन न करूँगा। दिल से सोचिये।
मुझे  काफी तीन वक्त  का खाना।
तन ढकने का कपडा।
सब दिल्ली  गये।
कटु सत्य वादी
व्यवस्थापक कमिटी सदस्य।
कटु सत्य  बोला।
பெரிய  கும்பிடு.

Wednesday, January 8, 2020

नया साल

नमस्कार वणक्कम।
नया है नया साल है।
ताज़ा  है  नया साल  है।
नतीजा  ईश्वर  प्रेम।
नारा ईश्वर प्रेम।
उम्र बीत गयी।
तडप ठंड।
जवानी की अच्छाइयों को
जवानी  की भूलों  को
कितना पाया कितना खोया।
कितना गँवाया ।कितना कमाया।
कितनों का प्यार मिला।
ये विचार  अब नहीं।
सो गया वह गया।
बच्चे बडे हो गये।
बच्चे पिता बन गये।
मैं  बन गया दादा।
आधुनिक समाज में
संगणक विज्ञान में
मोबाइल गेम
साहित्य में
शादी में
हर बात ताजी नयी।
मैं  नादान बूढ़ा मेरी जिज्ञासा
मेरे संदेह निवारण
सब अनावश्यक।
मेरी सलाह  मेरे विचार
मेराजीवित रहना किसी को पसंद नहीं।
भगवान  भी अति क्रूर
जो जीना चाहता है,
शीघ्र अपना बना लेता है।
जो मरना चाहता है
उसका जीवन अति लंबा।
अब केवल ईश्वर के तप।
खाना-पीना सोना।
बुढापा  में  प्रिय  बनना है तो
मौन एक मात्र मार्ग।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम

Tuesday, January 7, 2020

சுட்டபதிவு

பதிவுகள் இரண்டு வகை
சுட்ட பதிவு. சுடாத பதிவு.
அதில் சுடுவதற்கு  முன்
மாவுகள்பலவகை.
அதை அஸ்திவாரம் என்றால்
சுட்ட  இட்லி தோசை மெதுவடை மசால்வடை ஆமைவடை தவளை வடை.
மாவு மறைந்தது.
காரணம்  பெயர் பெற
எண்ணெயில் ஆவியில்ஆஹா!
குளிப்பனியாரம்/குழிப்பனியாரம்.
உளுந்து வடை.வெறி தயிர் வடை.
மாவு மாறிவிட்டது.

Friday, January 3, 2020

भेद रहित संसार कैसे ?

सबको नमस्कार।
वणक्कम।
  भेद रहित संसार कहाँ?
   समान अधिकार कैसे?
   एक लाख बराबर बाँटो।
  कितने सुखी ?कितने दुखी?
  कितने एक लाख  को दस लाख  बनाया?
 कितने खाली हाथ?
 यह बुद्धि  यह भाग्य  कैसे?
कुछ लोग व्यापार करते हैं  तो
कुछ लोग ग्रंथ संग्रह।
कुछ लोग  पियक्कड़ बनते।
कुछ लोग  इलाज में खर्च।
उच्च  शिक्षा केलिए
शादी केलिए।
दान धर्म में।
रकम बराबर।
खर्च  अनेक।
समान अधिकार  कैसे  ?
भिन्न विचार भिन्न  रुचि।
ईश्वर के संसार में।
भिन्नता रहित एक विचार।
दिव्य पुरुष के हाथ।
कुरान बाइबिल गीता वेद।
उसके अनुयायी  भी भिन्न विचार के।
द्वैत अद्वैत आकार निराकार
 शैव वैष्णव ग्राम देवता।
कैथोलिक प्रोटेस्टेंट
सिया धब्बे चुन्नी।
हीनयान महायान।
दिगंबर श्वेतांबर।
कितने मार्ग  कितने संप्रदाय।
समानताएँ  किस में।
सत्य में  पसंद  सत्य, कटु सत्य।
गुप्त सत्य।प्रकट करने योग्य सत्य।
न जाने सत्य से मुक्ति नहीं
दंड भी। जीना दुश्वार।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।

खट्टा-मीठा

नमस्कार वणक्कम।
खटटा-मीठा ।
मीठा कडुवा।
षडरस व्यंजन।
शरीर स्वस्थ।
भगवान की सृष्टि में
कोयल काले कौआ सेती।
सातरंग  मिलकर इन्द्रधनुष।
अतिसुंदर मिलन - मिलान।
खुशबू मुख में।
बदबू बाहर।
भिन्न स्वाद ।
कडुक  औषधी।
कटुक वचन ।
न तो न जीवन।
कायर न तो वीर नहीं।
तदे मेडे रास्ता ही जीवन।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम