Friday, January 3, 2020

भेद रहित संसार कैसे ?

सबको नमस्कार।
वणक्कम।
  भेद रहित संसार कहाँ?
   समान अधिकार कैसे?
   एक लाख बराबर बाँटो।
  कितने सुखी ?कितने दुखी?
  कितने एक लाख  को दस लाख  बनाया?
 कितने खाली हाथ?
 यह बुद्धि  यह भाग्य  कैसे?
कुछ लोग व्यापार करते हैं  तो
कुछ लोग ग्रंथ संग्रह।
कुछ लोग  पियक्कड़ बनते।
कुछ लोग  इलाज में खर्च।
उच्च  शिक्षा केलिए
शादी केलिए।
दान धर्म में।
रकम बराबर।
खर्च  अनेक।
समान अधिकार  कैसे  ?
भिन्न विचार भिन्न  रुचि।
ईश्वर के संसार में।
भिन्नता रहित एक विचार।
दिव्य पुरुष के हाथ।
कुरान बाइबिल गीता वेद।
उसके अनुयायी  भी भिन्न विचार के।
द्वैत अद्वैत आकार निराकार
 शैव वैष्णव ग्राम देवता।
कैथोलिक प्रोटेस्टेंट
सिया धब्बे चुन्नी।
हीनयान महायान।
दिगंबर श्वेतांबर।
कितने मार्ग  कितने संप्रदाय।
समानताएँ  किस में।
सत्य में  पसंद  सत्य, कटु सत्य।
गुप्त सत्य।प्रकट करने योग्य सत्य।
न जाने सत्य से मुक्ति नहीं
दंड भी। जीना दुश्वार।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।

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