Thursday, January 9, 2020

कटु सत्य

मैं  जानता हूँ वास्तविकता।
खर्च करने  के  पहले  सबको ठीक करना था। मैं  अपने जेब से एक पैसा भी खर्च  नहीं  करूँगा।
यह मेरा अपना घर का काम नहीं।
जवानी के जोश में  भी
केवल मुफ्त  प्रचार  किया।
गाँधीजी ने अपने जेब  का खर्च  नहीं  किया।
खाली हाथ  आया हूँ।  खाली जानेवाला  हूँ।
शब्द शक्ति  से सत्य  बोलता हूँ।
पैसे खर्च  भी करता हूँ।
सभा चुनाव  में  जीतना प्रचारक की भलाई  के लिए।
यथा शासक तथा प्रजा।
सौ करोड सांसद। विधायक।
जागते नहीं  लोग।
  कोई  दयालू है आपका घाटा पूरा करने।
आजकल के शासक  चुनाव  जीतने का खर्च  उनको वोट  देनेवाले।
मंदिर तोडने पर चुप।
मंदिरों  की चोरी।
पहली बार सभा चुनाव  लडा तो
अनुभवी प्रचारकों  ने यह कहकर वोट नहीं  दिया।तुम गैर कानूनी काम नहीं  करोगे।कटु सत्य  बोलोगे।
सौ करोड  वसूल की योजना।
अंग्रेज़ी  माध्यम खोलने की योजना।
प्रचारक  की भलाई  योजना तो
उच्च  शिक्षा   आम जनता  में
हिंदी  प्रचार  करने योजना नहीं

प्रचारक कमिशन एजंट।
 कटु सत्य  । मानने तैयार  नहीं।
मैं  कैसे आगे आऊँ।
ढलती उम्र मे।
भ्रष्टाचार बढा।खुशामद बढा।
सार्वजनिक  काम से  पीछे।
लिखता हूँ  इसलिए  कि कोई  न पढेगा।
पचास  हजार खर्च  कर
अपनी रचना  डालने का पागलपन न करूँगा। दिल से सोचिये।
मुझे  काफी तीन वक्त  का खाना।
तन ढकने का कपडा।
सब दिल्ली  गये।
कटु सत्य वादी
व्यवस्थापक कमिटी सदस्य।
कटु सत्य  बोला।
பெரிய  கும்பிடு.

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