Tuesday, January 14, 2020

।आज का युवा इतना अधीर हो

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस .अनंतकृष्णन का प्रणाम।
 आज का युवा  इतना अधीर क्यों?
 15-1-2020।
  जागो! युवकों।
सवाल  उठा है अधीर हो।
स्नातक स्नातकोत्तर शिक्षित समुदाय के
युवक युवतियों के  दिल अधीर।
सब्रता नहीं जानते।
कारण मेहनती नहीं।
केवल किताब के कीडे।
 दूरदर्शन  -मोबयिल के बेगार।
विवेकानंद  भगवान  से बढकर
स्वास्थ्य  को प्रधानता देते।
तिरुमूलर् ने तिरुवासकम में
शरीर को ही मंदिर मानते।
बाह्य आकर्षण  इतना अधिक।
आत्मनियंत्रण आत्मसंयम
नहीं  के बराबर।
विनम्रता अनुशासन
गुरु भक्ति  के अभाव की शिक्षा।
अध्यापक  वेतन भोगी।
मातृभाषा  के नैतिक  ग्रंथों  को
  पाठ्यक्रम में  कम स्थान।
ईसाई मुगल स्कूलों में
कुरान बाइबिल की पढाई।
सरकारी स्कूलों  में  प्रार्थना  का अभाव।
अंग्रेजों  के आगमन मुगलों  के तलाक
संभोग  भोग  नववर्ष मधु प्रधान।
वेतन भोगी  अध्यापक।
अनैतिक  व्यवहार।
शारीरिक  कमज़ोरी।
परिणाम  मानसिक  कमजोरी।
युवक  अधीर ।
भारतीय  प्राणायाम।
योगाभ्यास  का अभाव।
मनमाना जीवन।
परिणाम निस्संतान दंपति ।
तलाक, बलात्कारी।
जितेंद्र न तो अधीनता अनिवार्य।
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।

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