ईश्वर वंदना,
इतनी शक्ति हमें देना।
ईश्वरीय स्मरण में
मन लग जाएँ।
हर कार्य में
ईमानदारी चमक जाएँ।
सत्य के फूल खिल जाएँ।
धर्म की महक मोहित करें।
जितेन्द्र बन जीत सके संसार।
माया महा ठगनी से बच सकें।
संसार में सुखी जीवन जीने
सब को सुबुद्धि मिलें।
पापियों को भय दिखाना।
धर्म के पक्ष के लोगों को
खुश रखना,
असुरों को वर देकर
अवतार न लेना।
खुद कष्ट न उठाना।
सीता का अग्निप्रवेश
सीता का त्याग
संतानों से लड़ना
ईश्वरत्व करुणा की शोभा नहीं।
भ्रष्टाचारियों को दंड से बचाना।
अत्याचार की चरम सीमा पर
अवतार लेना, भक्तों को सताने
तेरे भक्तवत्सलता पर काला धब्बा।
क्षमा करना, तेरी लीला सूक्ष्म न जान
तेरी दी हुई बुद्धि से कर रहा हूँ
विनम्र प्रार्थना, उद्धार करना।
भक्तवत्सल हो, दीनबंधु हो।
अनाथ रक्षक हो, आश्रदाता।
मेरी सृष्टि करता हो।
मैं क्या माँगूँ।
जानता हूँ सबहिं नचावत राम गोसाई।
हर हर शंकर , जय जय शंकर हर हर शंकर ।
इतनी शक्ति हमें देना।
ईश्वरीय स्मरण में
मन लग जाएँ।
हर कार्य में
ईमानदारी चमक जाएँ।
सत्य के फूल खिल जाएँ।
धर्म की महक मोहित करें।
जितेन्द्र बन जीत सके संसार।
माया महा ठगनी से बच सकें।
संसार में सुखी जीवन जीने
सब को सुबुद्धि मिलें।
पापियों को भय दिखाना।
धर्म के पक्ष के लोगों को
खुश रखना,
असुरों को वर देकर
अवतार न लेना।
खुद कष्ट न उठाना।
सीता का अग्निप्रवेश
सीता का त्याग
संतानों से लड़ना
ईश्वरत्व करुणा की शोभा नहीं।
भ्रष्टाचारियों को दंड से बचाना।
अत्याचार की चरम सीमा पर
अवतार लेना, भक्तों को सताने
तेरे भक्तवत्सलता पर काला धब्बा।
क्षमा करना, तेरी लीला सूक्ष्म न जान
तेरी दी हुई बुद्धि से कर रहा हूँ
विनम्र प्रार्थना, उद्धार करना।
भक्तवत्सल हो, दीनबंधु हो।
अनाथ रक्षक हो, आश्रदाता।
मेरी सृष्टि करता हो।
मैं क्या माँगूँ।
जानता हूँ सबहिं नचावत राम गोसाई।
हर हर शंकर , जय जय शंकर हर हर शंकर ।