Monday, November 11, 2019

बचपन

प्रणाम।वणक्कम

पचपन
बचपन सा खेल कूद नहीं।
बचपन के लोगों से चर्चा  नहीं।
बडे  हो बढ बढ़ाना नहीं।
बुढापा का पहला सोपान।
तनाव,अवकाश होने तीन साल।
बेटी की शादी,लडके की पढाई नौकरी।
शक्कर,प्रेशर,न जाने वह है या नहीं
चेकप करने दोस्तों का आग्रह।
बचपन का मस्त खुशी पचपन में नदारद।
न धन,न पद,न अधिकार
वापस न देता जवानी।
ईश्वरीय नियम दंड पचपन।
यस।अनंतकृष्णन।

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