Saturday, November 23, 2019

परिवर्तन

प्रणाम।
परिवर्तन भगवान का
स्थाई नियम है।
अस्थायी   जगत में
मौसमी परिवर्तन।
पाषाण युग  से आज तक
कितने परिवर्तन।
सभ्यता  के विकास  में
गुण परिवर्तन।
विचार  परिवर्तन।
चिकित्सा  में  परिवर्तन।
जडी-बेटियों  की दवा।
कडुवी दवा।
अब मीठी गोलियाँ।
खेती  में  परिवर्तन।
पाली ,अपभ्रंश, संस्कृत,खडीबोली,
हिंदी।  अंग्रेज़ी मिश्रित  हिंदी।
मंदिरों  में  बिजली की घंटी।
 मज़हब  में  शाखाएँ-उपशाखाएँ।
  शुद्ध सोना एक
  आभूषण मिलावट अनेक।
 सफेद रूई, रंग बिरंगे कपडे।
विभिन्न  आकार-प्रकार के वस्त्र  रूप।
टंकण  का स्थान  संगणक ने लिया।
कैमरा,रेडियो, हाथ की घड़ी, कैलकुलेटर ,संगणक
सब एक ही मोबयिल  में।
श्मशान में   जलन पाँच  मिनट।
गड्ढा  खोदने  यंत्र।
पेड़  को जड से उखाड़कर
पेड़  लगाने का यंत्र।
सब में क्रांतिकारी परिवर्तन।
साहित्य  की भाषा शैली
पद्य से गद्य , छंद बद्ध से मुक्त
नव कविता, हैकू।
अपरिवर्तनशील  साहित्य  की गूँज।
  स्वरचित। स्वचिंतक
यस। अनंतकृष्णन। (मतिनंत)

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