Thursday, November 7, 2019

फुल और काँटा

प्रणाम।
फूल और काँटा।
पुष्पलता अतिसुंदर।
पुष्प काँटा अति दर्द।
यही है जीवन का सुख -दुख।
ईस्वरीय सृष्टियों में
कोमल एक है तो कठोर अधिक।
छिपकली एक कीडे अनेक।
 एक बूंद शहद एक चम्मच कडुवीदवा।
सुख दुख में  सुख एक फूल।
दुख असंख्य है मानव जीवन में।
सहना सामना करना
सावधानी से तोड़ना,जोडना
तभी आनन्द असीम।
स्वरचित स्वचिंतक
यस.अनंतकृष्णन

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