प्रणाम।
न जाने दोस्तों।
आज लिख रहा हूँ
कई दिनों के बाद
लिख रहा हूँ।
हम हुए बदनाम
आखिर किसलिए?
सच बोले।
ईमानदार से रहे।
कमाते किसी को
धोखा नहीं किया।
फिर भी बदनाम।
किसलिए?
भ्रष्टाचारियों के
मुखौटे खोले।
दोस्त न देखा,
रिश्ते न देखा।
तटस्थ रहा।
हमारे नेता कामराज हार गए।
उनके बाद के नेता ,
लाखों करोड़ों के अधिपति।
हर वोट दो हज़ार।
करोड़ पति जिताने
मतदाता तैयार।
सांसद बन
दल बदलने तैयार।
वोट के लिए पैसा देना।
रीटैल व्यापार।
साँसद बनकर ,
करोडों के लिए
दल बदलना,
थोक व्यापार।
हम बदनाम हुए।
आखिर किसलिए?
राजनीति लिखना मना।
लोगों को जगाना मना।
लिखो तो प्रेम पत्र लिखो।
नीलपरिधान बीच,
अधखुला अंग।
विरह वेदना,
प्रेम मिलन
चुंबन लिखना।
धड़कन तडप लिखना
कविता।
गरीबों की दशा।
भिखारी की हालत
लिखना कविता।
हम हुए बदनाम ।
आखिर किसलिए?
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन।
प्रणाम।
न जाने दोस्तों।
आज लिख रहा हूँ
कई दिनों के बाद
लिख रहा हूँ।
हम हुए बदनाम
आखिर किसलिए?
सच बोले।
ईमानदार से रहे।
कमाते किसी को
धोखा नहीं किया।
फिर भी बदनाम।
किसलिए?
भ्रष्टाचारियों के
मुखौटे खोले।
दोस्त न देखा,
रिश्ते न देखा।
तटस्थ रहा।
हमारे नेता कामराज हार गए।
उनके बाद के नेता ,
लाखों करोड़ों के अधिपति।
हर वोट दो हज़ार।
करोड़ पति जिताने
मतदाता तैयार।
सांसद बन
दल बदलने तैयार।
वोट के लिए पैसा देना।
रीटैल व्यापार।
साँसद बनकर ,
करोडों के लिए
दल बदलना,
थोक व्यापार।
हम बदनाम हुए।
आखिर किसलिए?
राजनीति लिखना मना।
लोगों को जगाना मना।
लिखो तो प्रेम पत्र लिखो।
नीलपरिधान बीच,
अधखुला अंग।
विरह वेदना,
प्रेम मिलन
चुंबन लिखना।
धड़कन तडप लिखना
कविता।
गरीबों की दशा।
भिखारी की हालत
लिखना कविता।
हम हुए बदनाम ।
आखिर किसलिए?
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन।
न जाने दोस्तों।
आज लिख रहा हूँ
कई दिनों के बाद
लिख रहा हूँ।
हम हुए बदनाम
आखिर किसलिए?
सच बोले।
ईमानदार से रहे।
कमाते किसी को
धोखा नहीं किया।
फिर भी बदनाम।
किसलिए?
भ्रष्टाचारियों के
मुखौटे खोले।
दोस्त न देखा,
रिश्ते न देखा।
तटस्थ रहा।
हमारे नेता कामराज हार गए।
उनके बाद के नेता ,
लाखों करोड़ों के अधिपति।
हर वोट दो हज़ार।
करोड़ पति जिताने
मतदाता तैयार।
सांसद बन
दल बदलने तैयार।
वोट के लिए पैसा देना।
रीटैल व्यापार।
साँसद बनकर ,
करोडों के लिए
दल बदलना,
थोक व्यापार।
हम बदनाम हुए।
आखिर किसलिए?
राजनीति लिखना मना।
लोगों को जगाना मना।
लिखो तो प्रेम पत्र लिखो।
नीलपरिधान बीच,
अधखुला अंग।
विरह वेदना,
प्रेम मिलन
चुंबन लिखना।
धड़कन तडप लिखना
कविता।
गरीबों की दशा।
भिखारी की हालत
लिखना कविता।
हम हुए बदनाम ।
आखिर किसलिए?
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन।
प्रणाम।
न जाने दोस्तों।
आज लिख रहा हूँ
कई दिनों के बाद
लिख रहा हूँ।
हम हुए बदनाम
आखिर किसलिए?
सच बोले।
ईमानदार से रहे।
कमाते किसी को
धोखा नहीं किया।
फिर भी बदनाम।
किसलिए?
भ्रष्टाचारियों के
मुखौटे खोले।
दोस्त न देखा,
रिश्ते न देखा।
तटस्थ रहा।
हमारे नेता कामराज हार गए।
उनके बाद के नेता ,
लाखों करोड़ों के अधिपति।
हर वोट दो हज़ार।
करोड़ पति जिताने
मतदाता तैयार।
सांसद बन
दल बदलने तैयार।
वोट के लिए पैसा देना।
रीटैल व्यापार।
साँसद बनकर ,
करोडों के लिए
दल बदलना,
थोक व्यापार।
हम बदनाम हुए।
आखिर किसलिए?
राजनीति लिखना मना।
लोगों को जगाना मना।
लिखो तो प्रेम पत्र लिखो।
नीलपरिधान बीच,
अधखुला अंग।
विरह वेदना,
प्रेम मिलन
चुंबन लिखना।
धड़कन तडप लिखना
कविता।
गरीबों की दशा।
भिखारी की हालत
लिखना कविता।
हम हुए बदनाम ।
आखिर किसलिए?
स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन।
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