Monday, November 30, 2020

मिलना-जुलना बिछुडना विदा अलविदा

 नमस्ते वणक्कम।

‌ मिलना,बिछुडना, विदा, अलविदा

 प्रकृति का अटल नियम।।

 पिता माता के आलिंगन चुम्बन मिलन।

गर्भधारण। सूक्ष्म निराकार मिलन।

मां के गर्भ में दस महीने में 

पूर्ण मानब रूप।।

मां के गर्भ से बिछुडना पहला सोपान।

पढ़ाई के बाद नौकरी के लिए 

बिछुडना तीसरा सोपान ,

लड़कियां विवाह करके,

विदा  लेना  चौथा सोपान।

इनके बीच शैशव का अलविदा।

फिर बचपन,लड़कपन,जवानी, प्रौढ़ावस्था अलविदा।

बुढ़ापा अंतिम सोपान।

अंतिम अलविदा।।

मिलना बिछुडना विदा अलविदा

अनश्वर अगजग  के

ईश्वरीय अटल नियम।

नियम तोड़ना बदलना अपील असंभव।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।



भक्ति अछूत नहीं।

 नमस्ते। वणक्कम।

अछूत नहीं होती कभी भक्ति।

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कटु सत्य प्रमाण सहित 

 भले ही अगजग शतृ बने

लिखना ही पड़ता है

समाज कल्याण के लिए।।

 स्वार्थ मानव अपने अलग-अलग 

  सत्ता  पद, अधिकार के लिए, 

मनुष्य मनुष्य में फूट डाल रहा है।।

अंग्रेज़ों के शासन , धर्मांधता  

अंधविश्वास, सद्य:फल की अभिलाषा,

भगवान के तिलक  बदलाकर,

मंत्र में नाम बदलवाकर  

मनुष्य मनुष्य में घृणा भाव।

जाति संप्रदाय के नाम पर

छुआ छूत के  नाम,

संप्रदाय के नाम,

 न उनमें राम गुह का समन्वय भाव।।

न विदुर का मान,

न रैदास का न कबीर का महत्त्व।।

 स्वार्थ  ही प्रधान।

मनुष्यता या भक्ति नहीं।

हवा ,वर्षा,सूर्य,चंद्र, आकाश तटस्थ।।

 नदी के पानी का स्वाद ,

सागर के पानी का स्वाद 

सब के लिए समान जान।।

भगवान में भेद कैसे?

बचपन, जवानी, बुढ़ापा,मृत्यु बराबर।

भगवान में भेद कैसे?

अंधेरे में   जाति नहीं दीखता।

विदुर का जन्म ।  

भीष्म पितामह की शादी 

मछुआरे की बेटी के साथ।

 ब्राह्मण में एक कलंक काले ब्राह्मण।

तमिलनाडु में एक वर्ग मध्याह्न ब्राह्मण।

जन संख्या बढ़ाने में

इठाली खान ईसाई संबंध।।

सोनिया को आंध्रा में मंदिर।

अछूत रानी  काली मंदिर।

राम कृष्ण परमहंस, विवेकानन्द।

कबीर के पिता नहीं,

राम तो दशरथ के पुत्र नहीं।

खीर पीने से भाइयों का जन्म।।

पांडवों के पिता एक नहीं।।

सोचो, समझो,जानो,

अछूत नहीं होती कभी भक्ति।।

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स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।

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Sunday, November 29, 2020

युवा शक्ति

 नमस्ते। वणक्कम।

दिनांक --२९-११-२०२०.
विधा __अपनी शैली/अपनी भाषा/स्वतंत्र।
विषय -- युवा शक्ति जागो।
आज कल माया मोह अधिक।
युवा शक्ति जागो, संयम सीखो।
नश्वर जगत में प्यार ही प्यार,
वह तो सही नहीं, पाश्चात्य सभ्यता
भारत को बिगाड़ने की दुष्ट शक्ति।
अंग्रेजी पाठ में नहीं नैतिक बातें।।
न ऋष्यश्रृंग की कथा,
ब्रह्मचर्य की महत्ता।।
युवकों ! आजकल तलाक अवैध संबंध की
ख़बरें ज्यादा,कारण नर की दुर्बलता।।
शुक्ल पतन कारण चित्र पट की अश्लीलता।
यूट्यूब की काम लीला,
नाना प्रकार से बिगाडने के चित्र।
परिणाम नियंत्रण न कर शुक्ल पतन।
मैं बहत्तर साल का बूढ़ा,
युवकों में मेरी जवानी दोस्त जैसे
उछल-कूद उत्साह, प्रोत्साहन नहीं।
नव दंपती कुछ खोते से दीख पड़ते।
जागो! युवकों!संयम सीखो।
अंग्रेज़ों के देश सर्दी प्रदेश।
भारत जैसा रूई आग जल्दी न पकड़ती।
काफी चाय पीने के जैसे सौभोग नहीं।।
पौरुष बढ़ाने जितेंद्र बनो।।
भीष्म बनो। वीर पुरुष बनो।।
प्रेम प्रेमिका वर्णन साहित्य नहीं।
काम क्रोध मद लोभ मन में हो तो
पंडित मूर्खौ एक समान मान ।

समाज कल्याण

 नमस्ते। वणक्कम।

विधा -कुंड + लिया
विषय--समाज कल्याण
29-11-2020.
साहित्य समाज कल्याण के लिए।
सीता ने अग्नि कुंड का मार्ग लिया।।
फिर भी जीवन में शांति न पाती।।
धर्मयुद्ध कहीं नहीं,
महाभारत के बाद भी।
पांडवों को शांति नहीं।
भले ही कृष्ण साथ रहें।।
राम कहानी सुनाना
समाज में अपना दुखड़ा रोना।
नाते रिश्ते का ईर्ष्या भाव‌ जगाना।
उनकी हानियां दिखाना।।
समाज सुधारना ।।
सद्भाव जगाना।।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।

भक्ति

 नमस्ते। वणक्कम।।

भक्त भक्ति से भगवान शोभित।।

 भक्त न फूलों की माला पहनाता,

हीरे मुकुट दान में न देता,

पुष्प किरीट न बनवाता,

पत्थर की सुंदर मुस्कुरा हट की 

मूर्त्ति छैनी से मारकर सुंदर रूप न देता तो भगवान की शोभा कैसे?

मिट्टी में गढ़ी मूर्त्ति भक्त के सपने में न आती तो भगवान की

 महिमा और शोभा

कैसे  चालू होता ।।

भक्त कवियों के कीर्तन बिना

कैसे यशोगान करते?

भक्त की तपस्या और वर के बिना

भगवान की विशिष्टता कैसे?

भक्त की अमीरी,रोग,पद, अधिकार

उत्थान पतन के बिना,

भक्त के संतान,नि: संतान के बिना

भगवान की महिमा कैसे?

वीर ,वीर का पुत्र कायर,

मूर्ख कालीदास महाकवि,

डाकू रत्नाकर वाल्मीकि,

 पत्नी दास तुलसी राम भक्त चंद्रमा,

सूरदास अंधे पर 

कृष्णलीला 

के वर्णन पटु।।

हरे राम हरे कृष्ण के यज्ञ बिना

देश विदेश में कृष्ण की महिमा कैसे?

अगजग में बगैर भक्त के

भक्त गुरु के भगवान से

 साक्षात्कार कैसे?

थोड़े में कबीर ने कहा

जो चिर स्मरणीय,चिर अनुकरणीय।।

आप सब को भी, पढ़िए--

गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागो पाय।

बलिहारी गुरु आपने गोविंद

दियो बताय।।

सबहिं नचावत राम गोसाईं।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।

साहित्य

 नमस्ते। वणक्कम।

स्वैच्छिक विषय।।
अपनी भाषा अपनी शैली।
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साहित्य तो ऐसा,जिससे समाज में भला हो।
आजकल तो समाज रीतिकाल में।
भ्रष्टाचार रिश्वत पढ़ें लिखे लोग,
अपराधियों को छुड़ाने,
90लाख रपये के वकील,
अपराधी भी मर गया,
वकील भी मर गया।।
संपत्ति करोड़ों की ,
पर भोगने मंत्री नहीं।
महाराजा ने महल बनवाया।।
अंगरक्षक ने ही राजा की जान ली।।
नश्वर जगत में साहित्य कारों का फर्ज।
युवकों को सतपथ दिखाना।
संयम सिखाना, जितेन्द्र बनाना।।
बद साहित्य बदनाम ही नहीं
समाज देश बिगाड़ने वाले साहित्यकार
अति कंसर्ट नरक भोगेंगे ही।।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।।

समाज कल्याण

 नमस्ते। वणक्कम।

विधा -कुंड + लिया

विषय--समाज कल्याण

29-11-2020.

साहित्य समाज कल्याण के लिए।

सीता ने अग्नि कुंड का मार्ग लिया।।

फिर भी  जीवन में शांति न पाती।।

धर्मयुद्ध कहीं नहीं,

महाभारत के बाद भी।

पांडवों को शांति नहीं।

भले ही कृष्ण साथ रहें।।

राम कहानी सुनाना

समाज में अपना दुखड़ा रोना।

नाते रिश्ते का ईर्ष्या भाव‌ जगाना।

उनकी हानियां दिखाना।।

समाज सुधारना ।।

सद्भाव जगाना।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।

Monday, November 23, 2020

अधजल गारी छलकत जाय। நிறைகுடம் ததும்பாது

 अधजल गारी छलकत जाय।

நிறைகுடம் ததும்பாது

குறைகுடம் கூத்தாடும்.

  राजा अति सुन्दर,

सुशासक  हो तो गुणसुंदर।।

तुगलक दरबार अति व्यंग्य दरबार।।

राम राज्य अतिप्रिय।।

पूर्ण गुणवाले ईश्वर ।

सिवा उनके  मनुष्यावतार 

राम -कृष्ण भी अधजल गगरी।।

मानना पड़ा,

मानना पड़ता है,

मानना पड़ेगा।

सर्वेश्वर पूर्णकुंभ,

भरा घड़ा।।

मनुष्य अपूर्ण घड़ा।

अतः मानव जन्म अधजल गगरी 

छलकत जाय।।

सबहिं नचावत राम गोसाईं।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।


हिंदी भी मैं, तमिल भी मैं।।

ஹிந்தியும் 

தமிழும் நானே..

அரசன் அதி அழகு.

நல்லாட்சியர் குணம் 

அதி அழகு.

துக்ளக் அவை கேலிக் கூத்து.

ராம் ராஜ்ஜியம்

  அதிகப் பிரியம்.

பூர்ண குணமுள்ளவர் பகவானே.

இறைவனைத் தவிர

மற்றவர்கள் குறை குடம்.

அவரைத் தவிர மற்றவர்கள் குறை குடம்.

ஏற்க நேர்ந்தது.

ஏற்க நேர்கிறது.

ஏற்க நேரிடும்.

பகவான் பூர்ண கும்பம்.

இறைவன் நிறைகுடம்.

மனிதர்கள் குறை குடம்.

ஆகையால் 

மனிதப்பிறவி

"குறை குடம்.

குறை குடம் கூத்தாடும்.

நிறை குடம் ததும்பாது."

அனைவரையும் ஆட்டுவிக்கும் ஆண்டவன்.

 சுய சிந்தனையாளர் சுய படைப்பு அனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை ஹிந்தி ஆசிரியர்.

अधजल गगरी छलकत जाय

  अधजल  गगरी छलकत जाय।

நிறைகுடம் ததும்பாது

குறைகுடம் கூத்தாடும்.

  राजा अति सुन्दर,

सुशासक  हो तो गुणसुंदर।।

तुगलक दरबार अति व्यंग्य दरबार।।

राम राज्य अतिप्रिय।।

पूर्ण गुणवाले ईश्वर ।

सिवा उनके  मनुष्यावतार 

राम -कृष्ण भी अधजल गगरी।।

मानना पड़ा,

मानना पड़ता है,

मानना पड़ेगा।

सर्वेश्वर पूर्णकुंभ,

भरा घड़ा।।

मनुष्य अपूर्ण घड़ा।

अतः मानव जन्म अधजल गगरी 

छलकत जाय।।

सबहिं नचावत राम गोसाईं।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।

Friday, November 20, 2020

"अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई"

 "अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई"

कहना आसान,

भलाई करनेवाले,

सत्य बोलने वाले,

बेचारा भला आदमी।

लेखक लिखता रहे,

सैकड़ों  पृष्ठ दिन रात

प्रकाशक  को लिखा करें।।

पैसे न मांगें तो लेखक भला।

अपने सुविचार प्रकट कर

अनुशासन  समाज को 

सतपथ दिखाता  रहे।

प्रेमचंद ,महावीर प्रसाद,

गीतावाचक,गीता पाठक,

उपदेशक, सब के सब,

अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई।।

 हिंदी   कवि अपने आप लिखना,

पंजीकरण शुल्क,

अपनी कविता के 

प्रकाशन केलिए शुल्क,

मंच पर कविता सुनाने शुल्क,

प्रेम भरा,अश्लील व्यवहार की कविताएं  तालियां पाती।।

अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई।।

धन दौलत भ्रष्टाचार सौ गुना लाभ,

बुराई जीवन की बुरी कमाई।।

कमाई अच्छाई  दरिद्रता का  हो

 कमाई  बुराई भ्रष्टाचारी का हो।

सबको अंत में एक ही  जगह,

भलाई एक कोने में,

भगवान  भी बिना सोचे विचारे

असुरों को वर देकर देवों को जेल में रख,

मोहिनी अवतार में , 

महिषासुर वर्द्धिनी

 असुरों को मारने के पुराण।

भगवान के वर्णन ही ऐसा हो तो

लोभी लालची स्वार्थी  मानव कैसे?

अन्याय के साथ रहें तो   

विस्मय की बात क्या?

भगवान भी देता

 भ्रष्टाचारियों के साथ।।

वर देकर अच्छे या बुरे

दुख सुख देखना, 

ईश्वर की लीला नहीं,

ईश्वर के दंड विधान  हीअलग।

कोई भी सुखी नहीं,

कोई भी दुखी नहीं।।

स्वर्ग नरक ,यही जान।।

अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई।।

लैखकों का सद्विचार तो

संसार  की बड़ी कमाई।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।।

मन चंगा है तो कठौती में गंगा

 இனிய காலை வணக்கம் நண்பர்களே!

मधुर प्रात:कालीन प्रणाम।

Good morning friends।

 ईश्वरीय लीला अद्भुत।

 इंसान को  संतुलन में  रखने

बुद्धि दी, सुखी से जीने,

आनंद से जीने ,

पशु पक्षियों मनुष्य को

भूख-प्यास, काम,नींद,

बराबर बांटे गए।

केवल मनुष्य को जितेंद्रिय बनाया ।

सनातन ,धर्म के प्रधान भगवान को

दो पत्नियां दी, पर ब्रह्मा -सरस्वती   एक

ज्ञान एक, चिंतन अनेक। 

शक्ति , ज्ञान, क्षमताओं में

बराबरी नहीं,

पागलों,पंडितों,

नायक, खलनायक,

क्रोधी, कामुक,लोभी, 

न्यायी,अन्यायी,

दयालू-निर्दयी, 

पापात्मा, पुण्यात्मा,

बल दुर्बल गुण अवगुण,

मान अपमान

  जगमंच को

एक अभिनय मंच बनाकर

अपने को सर्व श्रेष्ठ  सिद्ध की.

जो शक्ति नचा रही है,

उस शक्ति को प्रणाम।


 राम राम

गति रोधक कितना भी बड़ा हो,

             गति धीमी करने से

          झटका   नहीं   लगता ।


                   उसी तरह


    मुसीबत कितनी भी बड़ी हो

          शांति से विचार करने पर

   जीवन  में  झटके  नही  लगते ।

[10:11 AM, 11/20/2020] sanantha 50: स्वस्थजीवन कैसे?

मन चंगा तो कठौती में गंगा।

निश्चल /निश्छल 

मन है तो

स्वज्स्थ जीवन।।

काम,क्रोध,मद,लोभ न तो 

सर्वार्थ जीवन।।

संयम है तो स्वस्थ जीवन।

जितेन्द्रियता स्वस्थ जीवन।।

दान धर्म जनकल्याण स्वस्थ जीवन।

सुशासक का जीवन स्वस्थ जीवन।।

आदर्श जीवन में  यथार्थ जीवन 

स्वस्थ जीवन।। 

भ्रष्टाचारी अत्याचारी रिश्र्वत खोरी

ठेकेदार कच्ची सड़क

 चुनाव में मतदाता का घूस।

इन सब का जीवन अस्त-व्यस्त जीवन जान।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै

[11:04 AM, 11/20/2020] +91 70154 90935: 🌹🙏 आज की काव्य-पंक्ति?

[11:06 AM, 11/20/2020] sanantha 50: ஹிந்தியும் நானே தமிழும் நானே.

हिंदी भी मैं और  तमिल भी मैं।।

தலைப்பு:---


स्वस्थजीवन कैसे? 

ஆரோக்கிய வாழ்க்கை எப்படி?

மனம் பரிசுத்தம் ஆனால்

அனைத்தும் பவித்திரம்.

சஞ்சலமற்ற /வஞ்சனை மற்ற

மனம் இருந்தால்

 ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.

காம குரோதம்,ஆணவம், பேராசை

இல்லை என்றால்

 ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.

புலன் அடக்கம் இருந்தால் 

ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.

ஐம்புலன்களை வென்றால் 

ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.

தானம் தர்மம் மக்கள் நலம்

ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.

நல்ல ஆட்சி யாளர் வாழ்க்கை

ஆரோக்கியமான வாழ்க்கை.

ஊழல்செய்பவன்,கொடுங்கோலன்,

லஞ்சம் வாங்குபவன் வாழ்க்கை

ஆரோக்கியமற்ற வாழ்க்கை.

இவர்கள் வாழ்க்கை 

சிதறிய வாழ்க்கை என்பதை 

அறிந்து கொள்வோம்.

சுயசிந்தனை பாளர் சுய படைப்பு

அனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை ஹிந்தி ஆசிரியர்.


 


मन चंगा तो कठौती में गंगा।

निश्चल /निश्छल 

मन है तो

स्वस्थ जीवन।।

काम,क्रोध,मद,लोभ न तो 

स्वस्थ  जीवन।।

संयम है तो स्वस्थ जीवन।

जितेन्द्रियता स्वस्थ जीवन।।

दान धर्म जनकल्याण स्वस्थ जीवन।

सुशासक का जीवन स्वस्थ जीवन।।

आदर्श जीवन में  यथार्थ जीवन 

स्वस्थ जीवन।। 

भ्रष्टाचारी अत्याचारी रिश्र्वत खोरी

ठेकेदार कच्ची सड़क

 चुनाव में मतदाता का घूस।

इन सब का जीवन अस्त-व्यस्त जीवन जान।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै

राजनीति के साथ रहें सुनीति

 राजनीति के साथ रहें सुनीति।

राजनीति के साथ सुनीति न हो तो

देशोन्नति कैसी?

असुरों का शासन,

विदेशी आक्रमण,

विदेशी शासन

गुलामी जीवन,

भारतीय अवतार पुरुष ,

युग पुरुष जाग उठे।।

क्रांतियां जाग उठी।

सुप्त जनता जाग उठी।

  जगाने लगे।।

ऐसी राजनैतिक क्रांति यां

नरम दल गर्म दल 

राजनीति  के साथ सुनीति रही।।

आजादी के बाद सत्तर साल के

स्वदेशी शासन में   यह नारा

"राजनीति के साथ सुनीति रहें"!

बिहार के चुनाव में नोटो ज़्यादा।।

भिन्न नीति नेताओं के साथ घुट बंधन।।

पहले दिन के भ्रष्टाचारी नेता,

दूसरे दिन  के सत्याचार के श्रेष्ठ नेता।।

परसों अयोग्य नेता।।

महाराष्ट्र केकुनीति राजनीति,

कम संख्या के दल केनेता

पद के लिए अपने

 दुश्मन दल से जुड़ना।।

 आज के सच्चे देशभक्तों का नारा--"राजनीति के साथ रहे सुनीति"!

,स्वचिंतक स्वरचित कविता

अनंतकृष्णन, चेन्नै।।

Thursday, November 19, 2020

पुरुषार्थ

 पुरुषार्थ प्रेमियों को ही प्राप्त,

कैसे प्रेमी?  सोचा?

नर-नारी प्रेमी-प्रेमिका नहीं,

नारायण  के प्रेमी को।।

 धन लालचियों का नहीं,

 दानी परोपकारी को।

नारायण का प्रेमी,

हिरण्यकश्यप को नहीं,

प्रहलाद जैसे अटल भक्तों को,

कृत्रिम पुरुषार्थ दिखावा मात्र।

असली-नकली पुरुषार्थ उनमें हैं जो

मैदान में कूदते हैं।

ऐसे लोगों में नहीं,

मैं डूबन डरी रही किनारे बैठ।।

प्रहलाद पर हाथी तब भी नारायण।

आग में डाला तब भी नारायण।

पत्थर बांध समुद्र में डाला ,

तब भी नारायण।

जबरदस्ती से विष पिलाया तब भी नारायण।।

अब  पांच सौ रुपए दल बदल वोट।।

 नोट दिखाओ अंक,

नोट के बल गवाह बदल।

पद के लिए दल बदल।

मजदूरी सेना, आत्महत्या सेना।।

 हत्यारे लाली क्लर्क चालक।।

पैसे मिलें तो सही,आज नारायण,

कल अल्ला, परसों ईसा।

 खाना भले ही अश्लील हो 

गाने तैयार।

जैसे ही धनी बनो,

यम लेने तैयार।।

किसी में नहीं पुरुषार्थ।।

जितना प्रहलाद में अचल था।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नई।

भारतीय बनें

 19/11/20--

கவி குடும்பம்.

தலைப்பு:

மாநிலம் அல்ல தேசீயக் ஆகட்டும்

प्रांतीय नहीं, भारतीय बनें।।

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ஹிந்தியும் நானே தமிழும் நானே.

++++++++++++++++

स्वतंत्रता स्थाई रहने 

भ्रष्टाचार रिश्वत स्वार्थ

 देश से अपने  दल

 अपनी सत्ता ही,

अपने वोट के लिए 

ठेकेदार प्रधान, 

शहरीकरण,

उद्योगीकरण  के नाम से

कृषीप्रधान  देश को

मरुभूमि  बनाने वाले

कार्परेट शासकों को

मिटा देने, नदियों को 

राष्ट्रीयकरण करनेवाले,

ग्रमोद्धार करनेवाले,

किसानों को  प्रेरित प्रोत्साहित

ठिकाने पर रखनेवाले,

भारतीयता, भारतीय संस्कृति,

भारतीय भाषाओं को ही

प्रधानता देनेवाले ,

अपनी पूंजी,अपने लाभ 

विदेशियों को  न जाएं,

ऐसे क्रांतिकारी बदलाव लाने

एक युग पुरुष का अवतार चाहिए।।

प्रांतीय दलों के पीछे चलने वाले

राष्ट्रीय नेता कैसे मिटाएंगे?

माया,ममता,लालू,अण्णा, करुणा,

रामाराव आदि के उत्थान देशप्रेमी

राष्ट्रीय नेताओं के कारण नहीं,

सत्ताप्रेमी  स्वार्थ राष्ट्रीय नेताओं के कारण।।

जब तक केवल सत्यता भी 

राष्ट्रीय नेता हैं,

जो प्रांतीय जोश वाले के

 पिछलग्गु हैं,

तब तक प्रांतीय जोश बढैगा ही।।

 ४०से४५% मतदाता मत नहीं देते

अर्थात उनको   देश की चिंता नहीं।।

 बाकी ६०%में १०% तटस्थ।।

बाकी २५+२५ सत्ता प्रिय स्वार्थ

भ्रष्टाचारी धन के लिए,ठेका के लिए

वोट देने वाले भारतीयता से  प्रांतीयता का विराट विषय का माया ममता शैतान ही प्रधान है।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नई।।

[19/11, 4:04 pm] sanantha 50: நமஸ்தே.வணக்கம்.

மாநிலம் அல்ல, 

பாரதீயம்

 ஆகட்டும்.

 சுதந்திரம் நிலைத்திருக்க

ஊழல் லஞ்சம் சுயநலம்

நாட்டை விட அதிக மாக விரும்பும்

 தன் கட்சி தனது ஆட்சி

வாக்குக்காக ஒப்பந்ததாரர்கள்

முக்கியம் என

நகரமயமாக்கல்,

தொழில்மயமாக்கல்,

என்ற பெயரில் 

விவசாய நாட்டை

பாலைவனமாக்கும்

கார்ப்பரேட் ஆட்சி யாளர்களை நீக்கவும்,

நதிகளை தேசீய மயமாக்கும்,

கிராமமுன்னேற்றம்

செய்கின்ற விவசாயிகளுக்கு

 ஊக்கமளிக்கின்ற

 கிராமங்களில் தங்கவைக்கின்ற

பாரதீயம் பாரதப் பண்பாடு பாரதீய மொழிகளுக்கு 

முக்கியத்துவம் 

அளிக்கின்றன

நமது முதலீடு நமது லாபம் வெளிநாட்டிற்குச்

செல்லவிடாமல் 

புரட்சிகரமான மாற்றங்களை உண்டாக்கும் ஒரு யுகபுருஷன் 

அவதாரம் எடுக்க வேண்டும்.

மாநில கட்சி களுக்குப்

பின்னால் செல்கின்ற

தேசீயத் தலைவர்கள் 

எப்படி அகற்று வார்கள்?

மாயா,மமதா லாலு,அண்ணா,

கருணா,ராமாராவ் முதலியவர்கள் எழுச்சிக்கு யார்

காரணம்?

தேசீய தலைவர்கள் 

மாநில  தலைவர்கள்

வால் பற்றி

 செல்கின்றவர்கள் 

இருக்கும் வரை மாநில வெறி அதிகரிக்கத்தான் செய்யும்.

40முதல்45சதவிகிதம் 

வாக்காளர்கள்

வாக்களிப்பதில்லை.

அதாவது அவர்களுக்கு

 நாட்டின் கவலை இல்லை.

மீதமுள்ள 60-70சதவிகித வாக்காளர்களின் 10 சதவிகிதம் நடுநிலையாளர்கள்.

25+25 ஆட்சியாளர்கள்

ஆட்சியை விரும்பும் 

சுயநலம் உள்ளவர்கள்.

ஊழல் பணத்திற்காக,

ஒப்பந்தம் பெற, பணத்திற்கு வாக்களிக்கும் வாக்காளர்கள் உள்ளவரை,

இந்தியாவில் விஸ்வ

 ரூப விஷயம் 

மாயை மமதை சைத்தான் தான் 

பிரதான மாகும்.

சுயசிந்தனையாளர் சுய படைப்பு

அனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை ஹிந்தி மொழி ஆசிரியர்.

Saturday, November 14, 2020

क्रांतिकारी

 தமிழும் நானே ஹிந்தியும் நானே

तमिल भी मैं हिंदी भी मैं।

சுயசிந்தனை பாளர். சுய படைப்பு.

அனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை.

ஹிந்தி ஆசிரியர்

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பூ என்ற தலைப்பு  கவி குடும்பம்.

எனது பூ பற்றிய எண்ணங்கள்

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फूल खिले तो   பூ மலர்ந்தால்

खुशबू  .--மணம்

मन मोहक  மனம் கவர்கிறது.

नेत्रानंद.  கண்களுக்கு ஆனந்தம்.

पर वह भी अस्थाई.  ஆனால் அதுவும் நிலையல்ல.

 चल संपत्ति 

செல்லும் செல்வம் உயிர்.

प्राण  ज़िंदा रहना  உயிர் உயிரோடு இருப்பது

अनिश्चित. நிச்சயம் அற்றது.

पद, पदोन्नति  ,  பதவி,பதவி உயர்வு

 जवानी  இளமை

अस्थाई. நிலையற்றது.

अस्थाई जगत में  நிலை மற்ற உலகில்

आनंद परमानंद से जीना है तो ஆனந்தம் பரமானந்தம் துயர் வாழவேண்டும் என்றால் 

 सत्याचरण, कर्तव्य परायण  மெய்யான நடத்தை

              கடமை கடைப்பிடித்தல் 

आत्मानंद अति आवश्यक.  ஆத்மானந்நம் தேவையான வை.

सहज मिला तो दूध सम.  இயற்கை யாக கிடைப்பது பால் போன்றது

பறவை மிருகங்கள் யாரிடமும் கேட்பதில்லை.

न पशु  पक्षी  माँगना किसी से

मानव तो जन्म से दूसरों  पर निर्भर. 

மனிதன் பிறப்பில் இருந்தே மற்றவர் களையே பார்த்திருக்கிறான்.

बछडा खडा है जन्म लेते ही கன்றுக்குட்டி பிறந்ததும் நிற்கிறது.

बच्चा लेटा है माँ की गोद में. 

குழந்தை அம்மாவின் மடியில்.

मानव को ज्ञान  देकर भी


மனிதனுக்கு ஞானம் அளித்தும்

मानव  अवलंबित. மனிதன் மற்றவர்களைப் சார்ந்தே இருக்கிறான்.

 अनंतकृष्णन चेन्नई स्वरचित स्वचिंतक।

क्रांतिकारी புரட்சிக் காரர்

 தமிழும் நானே ஹிந்தியும் நானே

तमिल भी मैं हिंदी भी मैं।

சுயசிந்தனை பாளர். சுய படைப்பு.

அனந்த கிருஷ்ணன் சென்னை.

ஹிந்தி ஆசிரியர்

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பூ என்ற தலைப்பு  கவி குடும்பம்.

எனது பூ பற்றிய எண்ணங்கள்

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फूल खिले तो   பூ மலர்ந்தால்

खुशबू  .--மணம்

मन मोहक  மனம் கவர்கிறது.

नेत्रानंद.  கண்களுக்கு ஆனந்தம்.

पर वह भी अस्थाई.  ஆனால் அதுவும் நிலையல்ல.

 चल संपत्ति 

செல்லும் செல்வம் உயிர்.

प्राण  ज़िंदा रहना  உயிர் உயிரோடு இருப்பது

अनिश्चित. நிச்சயம் அற்றது.

पद, पदोन्नति  ,  பதவி,பதவி உயர்வு

 जवानी  இளமை

अस्थाई. நிலையற்றது.

अस्थाई जगत में  நிலை மற்ற உலகில்

आनंद परमानंद से जीना है तो ஆனந்தம் பரமானந்தம் துயர் வாழவேண்டும் என்றால் 

 सत्याचरण, कर्तव्य परायण  மெய்யான நடத்தை

              கடமை கடைப்பிடித்தல் 

आत्मानंद अति आवश्यक.  ஆத்மானந்நம் தேவையான வை.

सहज मिला तो दूध सम.  இயற்கை யாக கிடைப்பது பால் போன்றது

பறவை மிருகங்கள் யாரிடமும் கேட்பதில்லை.

न पशु  पक्षी  माँगना किसी से

मानव तो जन्म से दूसरों  पर निर्भर. 

மனிதன் பிறப்பில் இருந்தே மற்றவர் களையே பார்த்திருக்கிறான்.

बछडा खडा है जन्म लेते ही கன்றுக்குட்டி பிறந்ததும் நிற்கிறது.

बच्चा लेटा है माँ की गोद में. 

குழந்தை அம்மாவின் மடியில்.

मानव को ज्ञान  देकर भी


மனிதனுக்கு ஞானம் அளித்தும்

मानव  अवलंबित. மனிதன் மற்றவர்களைப் சார்ந்தே இருக்கிறான்.

 अनंतकृष्णन चेन्नई स्वरचित स्वचिंतक।


Friday, November 13, 2020

सोचो जागो।

 अनंत कृष्णन चेन्नै

 प्रशासक, संचालक, समन्वयक,सदस्य पाठक सबको प्रणाम।

कलम बोलती है साहित्य समूह को

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां।

दिनांक १४-११-२०२०

विधा विचार मेरा अपना 

साहित्य का मतलब है,

समाज कल्याण। समाज सुधार। 

समाज जागरण।

आज यही आग्रह,अनुरोध 

यही संकल्प लेंगे हम ।

बुराई बदों का नाश,

अत: मनाते हैं दीपावली।

आज प्रतिज्ञा करेंगे हम।।

मजहबी नेता के पीछे 

मनुष्य मनुष्य में भेद न करेंगे।

अपना धर्म पालन करेंगे,

सत्याचरण करेंगे हम।।

मधुशाला, वेश्यालय का 

बहिष्कार करेंगे हम।

मातृभाषा माध्यम को प्रधानता देंगे हम।।

भक्ति में बाह्याडंबर दूर करेंगे।

चालीस पचास हजार की मूर्ति बनाकर

विसर्जन के नाम अपमानित न करेंगे।।

भ्रष्टाचार और घूसखोरी का साथ न देंगे हम।।

सबके कल्याण की सेवा करेंगे हम।।

राष्ट्रीय एकता का जागरण करेंगे हम।।

जय जवान जय किसान का नारा लगाएंगे।

चुनाव के दिन सौ प्रतिशत 

मत दाता वोट  दें गें ।

वोट नोट के लिए नहीं 

देशोन्नति  के ईमानदार प्रतिनिधियों के लिए।।

जागो,जागो भारतीय, भ्रष्टाचार भगा देना।

कृषी की प्राथमिकता ,

भावी पीढ़ी की संरक्षा।

वृक्षारोपण कार्यक्रम की आयोजना,

जागो जागो भारतीय।।

कृषी प्रधान देश को

उद्योगीकरण के नाम से

मरुभूमि न बनाओ।।

सोचो,समझो,जागो,आगे बढ़ो।

दूरदर्शिता है प्रधान।।

स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।।

Sunday, November 8, 2020

संतान

 कार्यशाला क्रमांक -४१

दिनांक --८-११-२०२०
शीर्षक -संतान
आधुनिक काल में
एक संतान काफी
संपत्ति चाहिए करोड़ नहीं
लाखों करोड़ की
भगवान की लीला देखिये
धनी सम्राट भी तड़पते हैं
एक संतान के लिए
लड़की शिशु हो तो गर्भ पतन.
पूर्वजों का पाप.
वृद्धा कन्या की संख्या काम.
वृद्ध युवक ब्रह्मचारियों की संख्या अधिक
कृत्रिम गर्भ धारण चिकित्सालय की संख्या अधिक
पाप बाप के दंड राम का
====
संतान भाग्य पूर्वजों ने कहा
संतानलक्ष्मी पूर्वजनों ने कहा
संतान निरोध आधुनिक सरकारी प्रचार।
परिवार नियोजन की योजना
शिव के दो ,राम के दो
कितने लात मात हिदुत्व को
---
तिरुवल्लुवर
वीणा की ध्वनि मधुर ,मुरली की ध्वनि मधुर
वे ही कहेंगे जिन्होंने अपनी संतान की तुतली बोली न सुना हो
स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन ,चेन्नै

Wednesday, November 4, 2020

கணவன் மனைவி புரிதல்पति पत्नी

 नमस्ते। वणक्कम।। வணக்கம் /நமஸ்தே!

கணவன் மனைவி இருவருக்குள்

புரிதல் அவசியம்.

शीर्षक : पति-पत्नी में 

         आपसी समझ जरूरी है।।


दिनांक --4-११-२०२० कवि कुटुंब।। கவி குடும்பம் கொடுத்த தலைப்பு.

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இறந்த காலத்தை நினைத்தேன்,

காந்தீஜி-கஸ்தூரி பாயி இருவரில்

புரிதல் இல்லை என்றால்

மோகன்தாஸ் கரம்சந்த் காந்தி

மஹாத்மா காந்தி ஆகியிருக்க முடியாது.

நவீன காலம் போல் விவாகரத்து

 வழக்கு தான்.

இந்திரா, ஃபெரோஸ் கான் இருவரில்

புரிதல் இருந்திருந்தால்,

இந்திரா ஃபெரோஸ் கான்

இந்திரா காந்தி ஆகியிருக்க மாட்டார்கள்.

கான் வம்சம் காந்தி வம்சமாக மாறிஇருக்காது.

ஊர்மிளா-லக்ஷமண்,ராமர்-சீதை

இவர்களுக்குள் புரிதல் 

இல்லை என்றால்

நள-தமயந்தி புரிதல் இல்லை என்றால்?

சற்றே சிந்தியுங்கள்.

நவீனகால செய்திகள்

பட்டதாரி-முதுகலைப்பட்டதாரிகள்

சந்தேகம், விவாகரத்து,காதல்,

கணவன் மனைவிக்கும் புரிதல் இல்லை

என்பதே மூலகாரணம்.

மேலை நாட்டு க் கலாச்சாரத்தையே 

படித்த சமுதாயம் பின்பற்றுகிறது.

43ஆண்டுகள் வாழ்க்கை புரிதல் இன்றி

எப்படி நடக்கும்.அமைதி எங்கே?!


 


भूतकाल सोचा,

गांधीजी कस्तूरी बाई में 

आपसी समझ न तो

मोहनदास करमचंद गांधी

महात्मा गांधीजी ने बनते।

आधुनिक काल समान,

तलाक मुकद्दमा चलाते।।

इंदिरा गांधी जी फेरोज में

आपसी समझ हो तो

इंदिरा फेरोज खान का वंश

गांधीजी वंश न बदलता।।

उर्मिला लक्ष्मण में ,

सीता व राम में आपसी समझ न तो

नल दमयंती में आपसी समझ न तो

जरा सोचिए आधुनिक ताज़ी खबरें

स्नातक व स्नातकोत्तर में संदेह,

अवैध संबंध, तलाक,

मूल कारण है  पति-पत्नी में आपसी समझ न होना, 

संदेह,लोभ ।।

पाश्चात्य देशों के अनुकरण में

आधुनिक भारतीय शिक्षित समाज।।


तैंतालीस साल  में ,

 आपसी  समझ न तो

शांति कहां।

सुखी दाम्पत्य 

 जीवन का आधार,

आपसी समझ ।।

अनंतकृष्णन,चेन्नै।