अधजल गगरी छलकत जाय।
நிறைகுடம் ததும்பாது
குறைகுடம் கூத்தாடும்.
राजा अति सुन्दर,
सुशासक हो तो गुणसुंदर।।
तुगलक दरबार अति व्यंग्य दरबार।।
राम राज्य अतिप्रिय।।
पूर्ण गुणवाले ईश्वर ।
सिवा उनके मनुष्यावतार
राम -कृष्ण भी अधजल गगरी।।
मानना पड़ा,
मानना पड़ता है,
मानना पड़ेगा।
सर्वेश्वर पूर्णकुंभ,
भरा घड़ा।।
मनुष्य अपूर्ण घड़ा।
अतः मानव जन्म अधजल गगरी
छलकत जाय।।
सबहिं नचावत राम गोसाईं।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।
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