"अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई"
कहना आसान,
भलाई करनेवाले,
सत्य बोलने वाले,
बेचारा भला आदमी।
लेखक लिखता रहे,
सैकड़ों पृष्ठ दिन रात
प्रकाशक को लिखा करें।।
पैसे न मांगें तो लेखक भला।
अपने सुविचार प्रकट कर
अनुशासन समाज को
सतपथ दिखाता रहे।
प्रेमचंद ,महावीर प्रसाद,
गीतावाचक,गीता पाठक,
उपदेशक, सब के सब,
अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई।।
हिंदी कवि अपने आप लिखना,
पंजीकरण शुल्क,
अपनी कविता के
प्रकाशन केलिए शुल्क,
मंच पर कविता सुनाने शुल्क,
प्रेम भरा,अश्लील व्यवहार की कविताएं तालियां पाती।।
अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई।।
धन दौलत भ्रष्टाचार सौ गुना लाभ,
बुराई जीवन की बुरी कमाई।।
कमाई अच्छाई दरिद्रता का हो
कमाई बुराई भ्रष्टाचारी का हो।
सबको अंत में एक ही जगह,
भलाई एक कोने में,
भगवान भी बिना सोचे विचारे
असुरों को वर देकर देवों को जेल में रख,
मोहिनी अवतार में ,
महिषासुर वर्द्धिनी
असुरों को मारने के पुराण।
भगवान के वर्णन ही ऐसा हो तो
लोभी लालची स्वार्थी मानव कैसे?
अन्याय के साथ रहें तो
विस्मय की बात क्या?
भगवान भी देता
भ्रष्टाचारियों के साथ।।
वर देकर अच्छे या बुरे
दुख सुख देखना,
ईश्वर की लीला नहीं,
ईश्वर के दंड विधान हीअलग।
कोई भी सुखी नहीं,
कोई भी दुखी नहीं।।
स्वर्ग नरक ,यही जान।।
अच्छाई जीवन की बड़ी कमाई।।
लैखकों का सद्विचार तो
संसार की बड़ी कमाई।।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।।
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