नमस्ते वणक्कम।
मिलना,बिछुडना, विदा, अलविदा
प्रकृति का अटल नियम।।
पिता माता के आलिंगन चुम्बन मिलन।
गर्भधारण। सूक्ष्म निराकार मिलन।
मां के गर्भ में दस महीने में
पूर्ण मानब रूप।।
मां के गर्भ से बिछुडना पहला सोपान।
पढ़ाई के बाद नौकरी के लिए
बिछुडना तीसरा सोपान ,
लड़कियां विवाह करके,
विदा लेना चौथा सोपान।
इनके बीच शैशव का अलविदा।
फिर बचपन,लड़कपन,जवानी, प्रौढ़ावस्था अलविदा।
बुढ़ापा अंतिम सोपान।
अंतिम अलविदा।।
मिलना बिछुडना विदा अलविदा
अनश्वर अगजग के
ईश्वरीय अटल नियम।
नियम तोड़ना बदलना अपील असंभव।।
स्वरचित स्वचिंतक अनंतकृष्णन चेन्नै।
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