ईश्वर मेरे जीवन में प्रत्यक्ष प्रमाण है। तमिलनाडु में हिंदी विरोध का आंदोलन चल रहा था। प्रांत भर में बसें जलाना, रेल रोकना, हिंदी अध्यापिकाओं के बाल काटना, हिंदी किताबें जलाना आदि सर्वत्र हो रहा था। तभी ईश्वर ने मुझे हिंदी प्रचार में लगाया। सबेरे बस चलानेवाले, पत्थर फेंकने वाले शाम को मेरे यहाँ हिंदी सीखने आते थे।
एक बड़े क्रांतिकारी दल ने मुझे घेर लिया, मैंने कहा विदेशी अंग्रेज़ी भाषा अति मुश्किल ,वह हमारी भारतीय भाषाओं को निगल रही है। तमिल में बोलना भी अपमान समझा रहे हैं। अंग्रेज़ी मिश्रित तमिल बोलने में गर्व का अनुभव कर रहे हैं। हम तो देश के कल्याण के लिए हिंदी का प्रचार मुफ्त में कर रहे हैं। कोई भी अंग्रेज़ी मुफ्त में नहीं सिखाएँगे। आप आइए। मैं मुफ्त में सिखाऊँगा। संस्कृत को विरोध करनेवाले दल का चिन्ह उदय सूर्य तमिल नहीं है।
हिंदी संस्कृत की बेटी है।
तमिल भाषी रोज़ हजारों संस्कृत के तत्सम और तद्भव शब्द बोल रहे हैं। अधिकांश लोगों के नाम संस्कृत के हैं। जैसे जयललिता, रामचंद्र, करुणानिधि, दयानिधि,दयआलू अम्मा आदि।
इन नामों के तमिल अर्थ जानने पर हजारों हिंदी संस्कृत शब्द सीख जाएँगे।
आप में दिनकर, प्रभाकर,रवि, नाम है, इनके तमिल अर्थ कतिरवन,परिधि है।
कमला,सरोजा,पद्मा,जलजा,
नीरजा का अर्थ तामरै।
वार है तमिल में वारम् कहते हैं।
दिन को दिनम् कहते हैं।
संदेह को संदेहम् कहते हैं।
विश्वास को विश्वासम् कहते हैं।
शामको की हिंदी विरोधी हिंदी सीखने आये।
मेरे साहस और समयोचित भाषण ईश्वरीय देन है।
एस.अनंतकृष्णन, तमिलनाडु के हिंदी प्रेमी प्रचारक।
अवकाश प्राप्त प्रधान अध्यापक,
हिंदू हायर सेकंडरी स्कूल,तिरुवल्लिक्केणी, चेन्नई 5.