Thursday, January 9, 2020

जागो।जगाओ।

संचालक सदस्य संयोजक चाहक रसिक पाठक सबको तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।
 जागो! जगाओ!जगवाओ।
ममता के कारण  मरते हैं  कई।
माया  महा ठगनी  कबीर  ने कहा।
करुणा  और निधि के कारण
कर्ण दानवीर सर्व धर्म  छोडा।
 ममता, माया, करुणा।
पात्र कुपात्र सोचकर करना।
कर्ण  का अपमान  कुंती  की निर्ममता।
भीष्म  की ममता  शरशय्या तक।
अर्जुन  की गुरु भक्ति
दुरोण की हत्या  तक।
द्रोण  की राजभक्ति ।
उनके प्राण पखेरू  उडते तक।
कैकेई  की ममता मंथरा के षडयंत्र  तक।
 ईश्वर अल्लाह ईसा
सुनामी में  न दिखाता
भेदभाव।
सोना एक मिट्टी  एक
सबके गाढने की भूमि छे फुट।
 घुसपैठिये  गैरकानूनी  को
नागरिकता   देने के समर्थक।
माया  निर्ममता  उनको बेकरुण
शैतानियत शक्ति।
माया ममता महा ठगनी।
कबीर ने कहा सत्यवचन।
जागो।सोचो ।विचारो।
देश भक्त बनो।
स्वचिंतक स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम।

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