Tuesday, July 7, 2015

रहेगी जानता सब कुछ सहकर चुप ;चुप; चुप।

भारतीय न्यायालय  और  क़ानून    ,
अमीरों के अन्ययाय को 
वकीलों द्वारा ,वायदे के द्वारा 
बचाने  के लिए. 

अपराधी को जमाँनत   के   नाम से 
 स्वतंत्रता से चलने फिरने के लिए 

गरीब का छोटा -सा  अपराध बन जाएगा हिमालय बराबर. 

बड़ों के मंत्रियों के ,नामी अभिनेत्रियों   के हिमालय बराबर
 देश द्रोही केसाथ  मिलने पर भी  तिल बराबर का 

वायदे पर वायदा ,फाइलों का नदारद  होना ,

दफ्तरों का  जलना ,जलाना ,गवाहों की हत्या 

सब  पूछ -ताछ  के नाम से वर्षों बीतते रहेंगे 
न फैंसला सुनायेंगे.  न  मुकद्दमों का  अंत होगा ;न अपराधी अमीर हैं तो दंड न भोगेगा. 
आत्महत्या करनेवालों  के प्रोत्साहित करने तीन लाख देंगे. 
भय  के नाम से  या स्वार्थ के आधार पर 
रहेगी जानता सब कुछ सहकर चुप  ;चुप; चुप। 



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