मैं बहुत सोचता रहता हूँ कि जग भला है या बुरा ?
जग तो भला ही है।
पर रोज़ दैनिक समाचार पत्रों में अच्छी खबरों को छोटे अक्षरों में कहीं कोने में
बुरी खबरों को चोरी डकैती हत्या बलात्कार भ्रष्टाचार आदि ख़बरों को बड़े अक्षरों में छापते हैं;
अभिनेता और अभिनेत्री सम्बन्धी खबरे भी मोटे अक्षरों में;
न जाने संसार की भलाई करने वालों को जल्दी दंड
बुराई करनेवालों के पक्ष में बड़े बड़े लोग
उनकी रिहाई के लिए तैयार;
हाल ही में एक किताब पढ़ी है ;
संसार को बुराई की ओर धकेलनेवाले केवल बीस परिवार है;
उनके ही निर्देशों के कारण बुरी खबरों को प्रधानता दी जाती हैं ;
भारत में तो कई हज़ारों सालों के पहले ही असुरों- दानवों का ही शासन था;
उनके अत्याचारों से देव भी डरते थे;
संसार संकट से कभी बचकर नहीं रहा;
सुशासक तो त्यागी रहे; राम राज्य बोलते हैं ; तो खुद राम को कष्ट झेलना पड़ा;
पत्नी की तलाश में जाना पड़ा ; भयंकर संग्राम के बाद लाई पत्नी को जंगल में छोड़ना पड़ा;
धनियों के संतान नहीं थे ; राजा एक राजकुमारी के लिए हज़ारों को पतिहीन बनाकर अंतपुर भर रहे थे;
शिवाजी को छिपकर ही वार करना पड़ा;
मुगलों की निर्दयता और नादिरशाह का कत्ले आम तो जगविदित कहानी है;
संक्षेप में कहें तो जनकल्याण चाहक शासक कम थे ;
वे सार्वजनिक भलाई ,गरीबों की भलाई से यादगारों में अधिक खर्च करते थे;कर रहे हैं ;
पटेल की शिला ठीक हैं तो उनसे राष्ट्र की भलाई करने की योजना नदियों का राष्ट्रीयकरण उससे बढ़कर प्राथमिकता देने का विषय है;
ऐसे राष्ट्रहित की योजना में ध्यान देंगे तो भारत विश्व आगे बढ़ेगा;
जग तो भला ही है।
पर रोज़ दैनिक समाचार पत्रों में अच्छी खबरों को छोटे अक्षरों में कहीं कोने में
बुरी खबरों को चोरी डकैती हत्या बलात्कार भ्रष्टाचार आदि ख़बरों को बड़े अक्षरों में छापते हैं;
अभिनेता और अभिनेत्री सम्बन्धी खबरे भी मोटे अक्षरों में;
न जाने संसार की भलाई करने वालों को जल्दी दंड
बुराई करनेवालों के पक्ष में बड़े बड़े लोग
उनकी रिहाई के लिए तैयार;
हाल ही में एक किताब पढ़ी है ;
संसार को बुराई की ओर धकेलनेवाले केवल बीस परिवार है;
उनके ही निर्देशों के कारण बुरी खबरों को प्रधानता दी जाती हैं ;
भारत में तो कई हज़ारों सालों के पहले ही असुरों- दानवों का ही शासन था;
उनके अत्याचारों से देव भी डरते थे;
संसार संकट से कभी बचकर नहीं रहा;
सुशासक तो त्यागी रहे; राम राज्य बोलते हैं ; तो खुद राम को कष्ट झेलना पड़ा;
पत्नी की तलाश में जाना पड़ा ; भयंकर संग्राम के बाद लाई पत्नी को जंगल में छोड़ना पड़ा;
धनियों के संतान नहीं थे ; राजा एक राजकुमारी के लिए हज़ारों को पतिहीन बनाकर अंतपुर भर रहे थे;
शिवाजी को छिपकर ही वार करना पड़ा;
मुगलों की निर्दयता और नादिरशाह का कत्ले आम तो जगविदित कहानी है;
संक्षेप में कहें तो जनकल्याण चाहक शासक कम थे ;
वे सार्वजनिक भलाई ,गरीबों की भलाई से यादगारों में अधिक खर्च करते थे;कर रहे हैं ;
पटेल की शिला ठीक हैं तो उनसे राष्ट्र की भलाई करने की योजना नदियों का राष्ट्रीयकरण उससे बढ़कर प्राथमिकता देने का विषय है;
ऐसे राष्ट्रहित की योजना में ध्यान देंगे तो भारत विश्व आगे बढ़ेगा;
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