Tuesday, November 1, 2016

कर्तव्य

आज मुख पुस्तिका में तमिल के एक दोस्त ने एक घटना लिखी है.

कर्तव्य में मजहबी आदर्श निभाना भी एक है.

एक सनातनी मजहबी मुग़ल वायुयान में बिसिनस क्लास में यात्रा कर रहा था. एर होस्टेस ने उनको शराब एक प्याले में दिया. उसने इनकार किया.
फिर उस प्याले से अति सुन्दर प्याले में दिया. उसने उसे भी इनकार कर दिया. तब उसने सोचा कि यात्री उसके हाथ से पीना नहीं चाहता . अतः उसने दुसरे को भेजा.
यात्री ने मना किया तो उसने वजह पूछी .
मुगल यात्री ने कहा ---वायुयान चालक को पिलाओ.
आदमी ने कहा --वह विमान चला रहा है; ठीक तरह से वह अपना
कर्तव्य नहीं निभा न सकता. यात्री ने कहा -मैं भी अपना कर्तव्य निभा रहा हूँ .

मैं अपने मजहब निभा रहा हूँ. वह मेरा धर्म है .
मेरा कर्तव्य है. ठीक निभाने शराब मना है.

यात्री के जवाब से विमान अथिति सेवक अवाक रह गया.

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