Tuesday, December 13, 2022

अगस्तियर

     अठारह  तमिल  सिद्ध  पुरुषों में   प्रधान सिद्ध पुरुष हैं -----अगस्त्य मुनि. वे सप्तऋषियों में एक थे ।
वे बडे तपस्वी थे । भगवान शिव ने देखा  कि उत्तर ऊँचा है,अतः उत्तर के बराबर दक्षिण  को करने के लिए मुनि अगस्त्य को 
दक्षिण भारत भेजा । पोतिकै पहाड पर कठोर तपस्या करने से उनका नाम पोतिकै मुनि, अहं में ईश्वर होने से अगस्तियर ,कुंभ में 
जन्म लेने से कुंभमुुनि आदि नामों से प्रसिद्ध बने ।  अगस्त्य मुनि  तमिल भाषा के जनक  माने जाते हैं ।


अगस्त्य के ज्ञान गीत  --------

सत्य स्वरूप भगवान एक ही  जानो। 
सभी जीव राशियों को वे ही मानो ।
बुद्धि बल के ज्ञाता पुण्यात्मा,
भूतल में करोडों लोगों में होते हैं  एक ।
भक्ति में  मन नियंत्रित स्थिर होते हैं ।
परम ज्ञानी व्यर्थ  बातों में मन नहीं लगााते ।
सूक्ष्मतम की तलाश में भटकते   नहीं ।
सांसारिक भँवर  में अपनी दशा जानने पर।
मोक्ष ही प्रधान है न ?

२.   मैंने मोक्ष पाने सूक्ष्मता बताई ।
मोह वश झूठी बातें,चोरी,हत्या मत करो.
गर्मी का मूल क्रोध से बचो। 
विश्व में पुण्य का पक्ष लो।
अविनयशील बनकर बेकार मत बनो।
विविध वेद शास्त्रों का अध्ययन करो व श्रवण करो।
जो बिना ठगे जीते हैं, उनके बताये मार्ग यह।
मेरे अपने लोगों सोचो विचारो मेरी बात ।
३.चारों वेदों को देखो, पढो,समझो ।
 आसक्त् जीने जमानत। करोड ।
वीर , एक को दूसरे से परिवर्तन कर 
जीने का मार्ग यह ।
देखो, गली गली प्रलाप करते रहते  ।
ईश्वरीय दशा कोई नहीं देखते ।

धरातल पर  एक  ईश्वर  को   एक ही मानकर  प्रार्थना करनी चाहिए ।
पुरुषोत्तम् बनकर भूमि पर जीना  चाहिए।
समय पर खेती करनी चाहिए ।
श्रेष्ठ ज्ञानी दिल उजाडने नहीं देता.
करोडों चोर जग में चलते फिरे रहते हैंं ।
देश में डाकू हैं करोडों ।
जग में आएँगे अनेक करोड। ।
वाक् जाल करवेवाले  भी लुटेरे ही । 





    

 

No comments:

Post a Comment