Monday, September 26, 2016

जागो .

साहित्य मंच ,
अपने विचार प्रकट करने,
परायों का विचार जानने,
विशेष बातों की चर्चा करने,
विशिष्ट बातों से लोगों को जागने,
जगाने , प्रोत्साहित करने, प्रेरित करने,
चर्चाएँ स्वस्थ देशोपयोगी हो तो
साहित्य होता लोक प्रिय.
रामायण काल, महा भारत काल से
ऊँच-नीच भेद मिटाने कई कथाएं
गुह-शबरी , विदुर कर्ण की कथाएं,
रैदास -ब्राह्मण की कथाएं
हज़ारों साल पुराणी बातें,
आज भी अति गंभीर.
आरक्षण की माँग के आन्दोलन,
कितनी राजनीती,कितना चाल.
सुविधाएंपीढीदर पीढी भोगते.
ब्राह्मण तो हो गया अब्राह्मण,
वेद पाठ भूल गया,
फिर भी न सरकारी सुविधाएं,
वस्त्र, चोटी, बातें, उच्चारण सबमें बराबर,
फिर भी न सरकारी सहूलियतें.
सोचो! ऐसी संवैधानिक असमानताएं
मजहब के नाम लड़ाई.हत्या-काण्ड.
पुराणी बातें न भूल, बीतीघटनाओं से न सीख,
अल्प संख्यों के धर्म की सुविधाएं अनेक.
बहु संख्यक की सुविधाएं कम.
ऐसी नीति न कहींअग जग में.
यही अघ की बातें प्रधान.
सोचो! जागो! देश बचाओ.

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