Friday, September 2, 2016

चित्रपट गीत --तमिल



  कवि     क णण दास.

  चित्रपट  गाना .

एम्  .जी.  आर  नेता  बन्ने  के  मूल  में
 कवि  और  गायकों  के  चित्रपट  गीत  का  मुख्य हाथ  रहा.
--------------------------------- நான்  ஆணையிட்டால்

यदि  मैं  हुकुम  दूँ,

वह   माना  जाय   तो
 आज
गरीब  दुखी   न  होंगे .

जब  तक  जान  रहेगी ,
तब  तक न  होगा दुःख .

न वे आँसू  के  सागर  में    डूबेंगे.

कोई  गलती करें ,
वह  भी  जान -बूझकर  करें  तो
 वे   भले   ही   ईश्वर  हो ,
  फिर  भी  उन्हें  न  छोडूंगा .

  शारीरिक  मेहनत  करके
  जीने की  सलाह  दूंगा.

  मेहनती  लोगों  की चीज़ें   न  छुऊँगा.
  कुछ  लोग   सुखी -सुविधा  पूर्ण  जीवन  के  लिए

  दूसरों  के  पैर  पकड़ेंगे.
  उनमें  कोई  ईमानदारी नहीं ,

  मान  -मर्यादा   नहीं , दूसरों की  पूँछ  पकड़ेंगे.

 भविष्य  ऐसा  आयेगा , मेरी  आज्ञा    चालू होगा ,

मुझे  कर्तव्य  करने  का  समय  आएगा.

दुखियों  को  सतानेवाले  स्वार्थ   दलों  को  मिटा  दूंगा.

नयी  नीति , नया  मार्ग  अपनाऊंगा,

यदि  मैं  हुकुम  दूँ,

वह   माना  जाय   तो  आज

गरीब  दुखी   न  होंगे .

जब  तक  जान  रहेगी , तब  तक न  होगा दुःख .

न वे आँसू  के  सागर  में    डूबेंगे.

यहाँ  सत्य  गूंगा , ईमानदारी  सोने  को  देखकर  चुप  न  रहूँगा.

ईश्वर  एक  है, उनके  सिद्धांत   है,

उसकी   रक्षा  हमेशा  करूँगा.

पहले  ईसा  थे , बुद्ध  थे ,
 फिर  गांधी  आये ,
मनुष्य  को  सुधारने  की  सीख  दी.

अब  भी  लोग  न  सुधरे ,

यदि  मैं  हुकुम  दूँ,

वह   माना  जाय   तो  आज

गरीब  दुखी   न  होंगे .

जब  तक  जान  रहेगी , तब  तक न  होगा दुःख .

न वे आँसू  के  सागर  में    डूबेंगे.












No comments:

Post a Comment