कवि क णण दास.
चित्रपट गाना .
एम् .जी. आर नेता बन्ने के मूल में
कवि और गायकों के चित्रपट गीत का मुख्य हाथ रहा.
--------------------------------- நான் ஆணையிட்டால்
यदि मैं हुकुम दूँ,
वह माना जाय तो
आज
गरीब दुखी न होंगे .
जब तक जान रहेगी ,
तब तक न होगा दुःख .
न वे आँसू के सागर में डूबेंगे.
कोई गलती करें ,
वह भी जान -बूझकर करें तो
वे भले ही ईश्वर हो ,
फिर भी उन्हें न छोडूंगा .
शारीरिक मेहनत करके
जीने की सलाह दूंगा.
मेहनती लोगों की चीज़ें न छुऊँगा.
कुछ लोग सुखी -सुविधा पूर्ण जीवन के लिए
दूसरों के पैर पकड़ेंगे.
उनमें कोई ईमानदारी नहीं ,
मान -मर्यादा नहीं , दूसरों की पूँछ पकड़ेंगे.
भविष्य ऐसा आयेगा , मेरी आज्ञा चालू होगा ,
मुझे कर्तव्य करने का समय आएगा.
दुखियों को सतानेवाले स्वार्थ दलों को मिटा दूंगा.
नयी नीति , नया मार्ग अपनाऊंगा,
यदि मैं हुकुम दूँ,
वह माना जाय तो आज
गरीब दुखी न होंगे .
जब तक जान रहेगी , तब तक न होगा दुःख .
न वे आँसू के सागर में डूबेंगे.
यहाँ सत्य गूंगा , ईमानदारी सोने को देखकर चुप न रहूँगा.
ईश्वर एक है, उनके सिद्धांत है,
उसकी रक्षा हमेशा करूँगा.
पहले ईसा थे , बुद्ध थे ,
फिर गांधी आये ,
मनुष्य को सुधारने की सीख दी.
अब भी लोग न सुधरे ,
यदि मैं हुकुम दूँ,
वह माना जाय तो आज
गरीब दुखी न होंगे .
जब तक जान रहेगी , तब तक न होगा दुःख .
न वे आँसू के सागर में डूबेंगे.
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