Monday, January 1, 2018

नववर्ष

नव वर्ष की नवीन चेतना
नित नव चेतना बांटनी है ,
लोक तंत्र का सच्चा,
अच्छा आदर्श निभाना है,
जागना जगाना है कि 
मातृभूमि पीढ़ी दर पीढ़ी
समृद्ध रहना है;
विदेशी भाषा,
विदेशी माल
खान -पान में वर्जनीय
मानना हैं.
स्वस्थ मन , स्वस्थ धन , स्वस्थ तन
स्वदेशी खाना -पेय से ही
संभव .
निज भाषा उन्नति में ही
भारतीय विशेषता और विशिष्टता है
यह विचार दिल में बसाने का काम
शिक्षितों के लिए अनिवार्य समझाना है.

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