Wednesday, September 11, 2019

Prakruti

प्रकृति
ईश्वर की देन ।
सहज आनंद।
इत्र तत्र सर्वत्र देखो
निराली छटा।
रंग बिरंगे फूल।
रंग-बिरंगी तितली।
मोर का नाचना।
हाथी का झूमना।
साँप का फुफकार।
सिंह का गर्जन।
जल प्रपात  नदी नाला
कितने दृश्य  अति निराले।

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