Monday, February 24, 2020

नीर





नीर शीर्षक। 24-2-2020
पंच तत्वों में एक नीर।
बगैर हवा के दो पल जीना असंभव।
दो दिन नीर न तो वनस्पतियों का
सूख जाना प्रमाण।
भारत में जल की कमी नहीं।
नीर संचयन की योजना की कमी।
चेन्नै ,मुंबई जल समुद्र।
उतने पानी बचत की योजना नहीं।
बाढ के समय गंगा के पहले दर्शन।
पानी घाट डूबकर बही।
सब नीर कहाँ?
स्वार्थ सांसद विधायक मंत्री
520×100=52000 लाख करोड़
पोस्ट-दर-पोस्ट पताका मतदाता खरीदने चुनाव खर्च।
सरकार सुरक्षा का चुनाव खर्च।
सचमुच देश की भलाई हो तो
चुनाव रोककर सब मिलकर
पानी की कमी के बिना
स्थाई योजना बना सकते।
इनकी साधना मद्रास को चेन्नै बदला।
बंबई को मुंबई, कलकत्ता कोलकत्ता।
नीर/जल/पानी जीने की अनिवार्यता
अति आवश्यकता पूरी करने के बदले।
तीन हजार झीलों के शहर में
झील गली नाम मात्र।
झील नहीं,तालाब नहीं।
सब के सब बन गये घर।
करोडों के भ्रष्टाचारियों के धन
चुनाव में नीर बनकर।
ग्रीष्मकालीन पर्वत क्षेत्र।
इमारतों का भंडार।
गिरि परिक्रमा का मार्ग
व्यापारियों का अड्डा।
नदियों के रेत गायब।
पैसे केवल चुनाव जीतने।
कमाने, हर कोई अरब पति।
न पीने के लिए पानी।
गणेश जुलूस विसर्जन।
छे हजार मूर्तियाँ
न्यूनतम 3000रुपये।
केवल चेन्नै शहर में मात्र 6000 मूर्तियाँ।
3000×6000=18000000 एक करोड़ अस्सी लाख। न्यूनतम।
किसके लिए?
भगवान को छिन्न-भिन्न कर
अपमानित करने के लिए।
कहते हैं हिंदुओं की एकता केलिए।
ईसाई मुसलमान की एकता बढ रही है।
तिलक लगाने की लडाई अदालत तक।
भगवान सब भाषा जानते हैं पर
मंत्र की भाषा के लिए अदालत में।
नीर की चिंता कहीं
किसी को नहीं।
पैसे की कमीनहीं,
नीर जैसा खर्च करने तैयार।
नीर महँगा,
आधी बाल्टी पानी में नहाना।
अंग्रेज़ी प्रभाव कुल्ला करना नहीं।
उठते ही बिस्तर चाय।।
नीर की चिंता नहीं।
पाखाना के बाद टिस्सू पेपर बस।
भावी पीढ़ी कितना कोसेगी?
माता पिता का पाप पुत्र पर।
जब ब्राह्मण ने अपना धर्म छोड़
अंग्रेज़ी सीखी, तभी शुरु हुआ
जल प्रदूषण ।वायु प्रदूषण।
जल की कमी।
अब भी है जागने का समय।
जागो न कहो जगाने कोई नहीं।
स्वचिंतक स्वरचित स्वचिंतक यस अनंतकृष्णन का प्रणाम स्वीकार करें।

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