Thursday, February 4, 2021

धरती

 कलमकार दल के प्रशासक,सदस्य समन्वयक संयोजक पाठक सब को हार्दिक नमस्ते वणक्कम।

४-२-२०२१

शीर्षक--धरती

धरती एक,गुण अनेक।

समृद्ध भूमि,संपन्नभूमि 

मरुभूमि,सूखी भूमि,

  नदी किनारे की हरी धरती।

सभ्यता का पालना।

मेरी भारत धरती कृषी प्रधान।

विदेशियों के आने के पहले,

अग जग की अमीर भूमि।


 मंगोलिया,फ्रांस,डच,अंग्रेज़,यूनानी 

सब लुटेरे लूटने आये,

खूब लूटे,  शैतान का कुप्रभाव,

  भारतीय संस्कृति, उद्योग, कलाएँ,

कुटिर उद

योग, संगीत, भारतीय भाषाएँ सब

खुद भारतीय ठुकराने लगे।

भारत की धरती पर

स्वर्ण उगता,दान धर्म की भूमि।

त्याग की भूमि,मानवता की श्रेष्ठ भूमि।

उद्योगीकरण, शहरीकरण,शहर विस्तार के नाम

मरुभूमि बना रही है।

विदेशी पेय,विदेशी कार कारखाना,

आदि के कारण जल प्रदूषिण वायु प्रदूषण, विचार प्रदूषण की 

भूमि बन रही है।

स्वरचित स्वचिंतक एस अनंतकृष्णन चेन्नै तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक

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