Sunday, May 21, 2023

 


WEDNESDAY

5:01 am
5:01 am
ख्वाब की दुनिया में, खुदा को भूल जाना खुद को जहन्नुम में फ़ँसाना जान! तकदीर और तदबीर धरनीश्वर का रहम जान. स्वरचनाकार, स्वचिंतक अनुवादक एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई. खुुद को बरबाद करना खुदा को भूलनेे में। जन्नत और जहन्नुम तकदीर और तदबीर खुदा की मेहरबानी। ख्वाब का साकार खुदा के इबादत से। किस्मत आ जमाना है तो खुमार से नहीं, खुमार ऐसा हो नशीली वस्तुओं से नहीं, खुदा के बंदे बनने में।। एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई । स्वरचनाकार स्वचिंतक अनुवादक ।
6:58 pm
7:13 pm
रास्ता तो किस्मत का खेल। तकदीर अच्छा हो तो तदबीर होगा अनुकूल। सीता की हालत देखी। द्रौपदी का चीर हरण। जयद्रथ का अकाल मृत्यु । कर्मफल सिरोरेखा में। मुमताज की सुंदरता शेरखान की मौत।। अपना अपना भाग्य। अंगूठी खो जाना , शकुंतला की विधि की विडंबना। ऋषि का शाप कैसे? सोचो समझो, विधि की विडंबना टलना टालना खुदा की मेहरबानी! स्वरचनाकार स्व चिंतन अनंतकृष्णन चेन्नई तमिलनाडु.
9:15 pm
THURSDAY
अनंतकृष्णन,चेन्नै। आत्मा में परमात्मा को बसाओ। आत्मानंद की अनुभूति करो। आशा रखो अनंतेश्वर परसों, आतंकरहित जीवन बिताओ। आठों पहर चौबीस घंटे, अखिलेशवर की याद करो। हमारे भाग्य विधाता वही। हमारे पथप्रदर्शक वही। आत्मा में परमेश्वर को बिठाओ, आताप संताप से बच जाओ।। आभा -शोभा बढेगा। आशा भरा जीवन, आनंदमय जीवन , पाप -ताप रहित जीवन। अलग जग में नहीं तो आसपास के दायरे में आन मान सम्मान देगा। स्वरचनाकार स्वचिंतक अनुवादक एस. अनंतकृष्णन, चेन्नई ।
9:21 am
असमंजस में पडना . दुविधा, धर्म संकट चंद्र शेखर जी के प्रभाव के कारण मैं पड गया असमंजस में. भक्त कवि अभिराम भट्टर, अमावश्य के दिन, ध्यान मग्न कैफे थे. राजा के पूछने पर ईश्वरी के ध्यान में ही कह दिया --"आज पूर्णिमा " है. राजा तो कहा -"चाँद दिखाओ."! अभिरामी देवी के यशोगान कवि करते रहे, देवी तो भक्तवत्सला है, अपनी नक बेसरी फेंक, चाँद दिखाया. असमंजसता कवि की भगादी. आजकल अवकाश के बाद न्यायाधीश कहता है, मैने कई बार असमंजस में पडकर गलत फैसला सुनाया है. यही आजकल सभी विभागों में हो रहा है अर्थात धर्मसंकट/दुविधा/असमंजस. धन कालोभ, पद का लोभ, मंत्री का भय,परिवार मोह, अपने अपने दल की सुरक्षा. अपना स्वार्थ, तबादला का आतंक. मानव असमंजस में पड जाता है. न्याय का गला दबा देता है. एस.अनंतकृष्णन, स्वरचनाकार स्वचिंतक.
12:09 pm
FRIDAY
श्रमदान में कोई महान नहीं, ईश्वर के प्रवचन में , आशीषें देने में आश्रम बनाने में, सर्वेश्वर की कृपा, सब कुछ ही नहीं, सारी मनोकामनाएं भी पूरी होंगी। ख्वाब सब के सब देखते नहीं, ख्वाब देखना, ख्वाब का साकार होना, खुदा की मेहरबानी जान।। फकीरों का ख्वाब अलग, पियक्कड़ों का ख्वाब अलग, भिखारियों का ख्वाब अलग। समीक्षकों का सपना अलग। अमीरों का स्वप्न अलग। कवियों का सपना अलग। ज्ञानियों की सोच अलग। अगजग के हर एक वतनवासियों का बदनाकार सपना अलग अलग। रूप,रंग,भाषा, पैदावर भी अलग अलग। हाथी तक ,घोडे तक देश देश का नस्ल अलग अलग रूप जान ।। स्वरचित स्वचिंतक अनुवादक एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई ।।
10:10 pm
SATURDAY
[19/05, 10:00 pm] sanantha 50: श्रमदान में कोई महान नहीं, ईश्वर के प्रवचन में , आशीषें देने में आश्रम बनाने में, सर्वेश्वर की कृपा, सब कुछ नहीं, सारी मनोकामनाएँ पूरी होंगी। ख्वाब सब के सब देखते नहीं, ख्वाब देखना, ख्वाब का साकार होना, खुदा की मेहरबानी जान।। फकीरों का ख्वाब अलग, पियक्कड़ों का ख्वाब अलग, भिखारियों का ख्वाब अलग। समीक्षकों का सपना अलग। अमीरों का स्वप्न अलग। कवियों का सपना अलग। ज्ञानियों की सोच अलग। अगजग के हर एक वतनवासियों का सपना अलग अलग। रूप,रंग,भाषा, पैदावर भी अलग अलग। हाथी तक अलग अलग रूप जान ।। स्वरचित स्वचिंतक अनुवादक एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई ।। [19/05, 10:38 pm] sanantha 50: सजा को सजाना सीखो। सदा को सजा देना, उस की परवाह नहीं करना। खूनी भी तकदीर से मंत्री बन जाता। पूलान देवी भी सांसद बना। सांसद बनकर भी मनमोहन की छाया मे…
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8:57 am
दो हजार नोट, मैंने देखा ही नहीं, इसकी चिंता मुझे नहीं। रोज कमाता पेट भरने कहीं पेड क् नीचे, फुटपाथ पर, बस स्टेंट पर, प्लेट फार्म पर है मेरी जिंदगी। खाना सोना न बिजली बिल की चिंता, न कर की चिंता, कर फैलाकर पैसा पाता हूँ। न को हजार की चिंता, न आय कर की चिंता, न कर्जा भरने की चिंता। न महँगे कपडे की चिंता। यह साक्षात्कार है मंदिर के इर्द गिर्द के भिखारियों से। सिद्ध पुरुष,अघोरी जैसे लोगों से। भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी अधिकारी की चिंता भी नहीं। भ्रष्टाचार भरे काले धन के बंटवारे सांसद विधायक की चिंता नहीं। न मेरे पास आधार कार्ड, न रेशन कार्ड। न मत देने का पहचान पत्र। मेरी गिनती नहीं मतदाता की संख्या में। फिर भी मैं जी रहा हूँ। न चिंता दो हजार नोच की। स्वरचित स्वचिंतक अनुवादक स्वरचनाकार अनंतकृष्णन चेन्नई तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी
10:56 pm
TODAY
மனத்தொடு வாய்மை மொழியின் தவத்தொடு தானஞ்செய் வாரின் தலை. मनत्तोडु -- मन से वाय्मै --सत्य मोळियिन --बोलनवाला तवत्तोडु --तप करके दानंचेय्वारिन --दानदेनेवालों से तलै -- श्रेष्ठ /सिरमौर है। ------------ अपने मन से जो सत्य बोलता है, वह तपस्या करके दान देनेवाले दानियों से श्रेष्ठ है। सद्यःफल केे लिए,सद्यः सुरक्षा के लिए मानव असत्य बोलता है, असत्य का भागीदार बनता है। रामावतार, कृष्णावतार, मोहिनी अवतार भी असत्य का अपवाद नहीं है। अतः मानव संकट सागर में डूबता बचता नरक वेदना का अनुभव मृत्यु लोक में करता है। स्वरचनाकार स्वचिंतक अनुवादक एस. अनंतकृष्णन चेन्नई तमिलनाडु का हिंदी प्रेमी प्रचारक.
7:34 am
[22/05, 9:46 am] sanantha 50: तमिल भाषा शब्दों में व्यंग्य भाव। Fun with English words का असर - धन्यवाद जी तोलेटी चंद्रशेखर को कल्वि कर्क --शिक्षा सीखो . कलवि कर्क-(क +ल+वि ) सीखो--संभोग कल-इयाँ--बिरामणर्कल--ब्राह्मण-बहुवचन, कल-शराब. अंदणर्कल साप्पिडुम् इडम--ब्राह्मण खाने की जगह. अंदणर कल। साप्पिडुम इटम्---अंदणर शराम पीने। का स्थान. हमारी अपनी भारतीय भाषाओं में भी शब्दों का व्यंग्य बाण. श्लेष अलंकार भी है. [22/05, 9:58 am] sanantha 50: கல், --पत्थर, सीख कल एण्णि कल---पत्थर गिनकर गिनती सीख. கள்-- इयाँ, शराब। पडित्त्त पेण கள் कल कुडित्ताल. शिक्षित औरत शराब पीती है. [22/05, 10:34 am] sanantha 50: हमारा अपना दल तो अपने विचार प्रकट करने की पूर्ण स्वतंत्रता है। गुलामी भाषा अंग्रेजी को श्रेष्ठ माननेवाले को भारतीय महत्व को समझाना हमारी जिम्मेदारी है। इच्छा शक्ति, ज्ञान शक्ति, क्रिया शक्ति भारतीय मंदिरों में है। इनको अंग्रेजों की देन माननेवाले अज्ञानियों को समझाने लिखना ही कर्तव्य है. गुरु ने शिष्य से कहा -- सेंधव लाओ. शिष्य घोडा लाया. सेंधव का दूसरा अर्थ नमक. गुरु ने नमक लाने के लिए कहा. ऐसी कई व्यंग्य भारतीय भाषाओं में हैं .

सत्य का महत्व तिरुक्कुरल

 மனத்தொடு வாய்மை மொழியின் தவத்தொடு


தானஞ்செய் வாரின் தலை.


मनत्तोडु -- मन से

वाय्मै --सत्य

मोळियिन --बोलनवाला 

तवत्तोडु --तप करके 

दानंचेय्वारिन  --दानदेनेवालों से

तलै -- श्रेष्ठ  /सिरमौर है।

------------

  अपने मन से जो सत्य बोलता है,

 वह तपस्या करके दान देनेवाले 

दानियों से श्रेष्ठ  है। 

 सद्यःफल केे लिए,सद्यः सुरक्षा  के लिए  मानव असत्य बोलता है, असत्य का भागीदार बनता है।

रामावतार, कृष्णावतार,  मोहिनी अवतार  भी असत्य   का अपवाद  नहीं  है।

अतः मानव संकट सागर में डूबता बचता नरक वेदना का अनुभव  मृत्यु लोक में करता है।

स्वरचनाकार स्वचिंतक अनुवादक 

एस. अनंतकृष्णन चेन्नई तमिलनाडु का  हिंदी प्रेमी प्रचारक.