Sunday, August 18, 2013

जागो जनता;सोचो; अच्छा करो;

दंगा में करता हूँ ,
धार्मिक लड़ाई; धार्मिक गुरु सुखी;
मारता हूँ .मर्वाता हूँ भोले;भाले अन्धे भक्तों को;
दंगा मारता हूँ, मर्वाता हूँ; 
दल के सेवकों को,नेता के अंधे भक्तो को 
भोगते नेता सुख,जमाते काले धन;
सिनेमा भक्तों को पागल बनाता हूँ 
वे अपने अभिनेता के लिये आत्मा हत्या तक चलते हैं,
10/रुपये टिकट को 100/रुपये में ख्रीदने के पागल बनते हैं
दंगा जलाता हूँ ,सार्वजनिक संपत्तियों को,
जो जनता के अपने कर के रुपयेहैं;
दंगा क्रोध के भावावेश;वह आजादी की लड़ाई में तो स्राहनीय हैं 
पर आज़ाद देश में ,अपने देश की संपत्ती बस,रेल,जलाना 
दण्डनीय हैं,पर स्वार्थ नेता,अपने सेवकों को बेवकूफ बनाते हैं
अपना झोली भरते हैं; जागो जनता;सोचो; अच्छा करो;

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