Sunday, September 27, 2015

ज़रूर तो दंड मिलगा ही।

धर्म  या मज़हब  या इंसान  यहाँ  मनुष्यता निभाने के लिए.

गलती जो भी करें उन पर कीचड उछालना मनुष्यता या इंसानियत  नहीं हैं ;

आम क़त्ल करनेवाले नन्हे नन्हे मदरसे के बच्चों को बेरहमी से बन्दूक का शिकार करनेवाले


दूसरे  की पत्नी मारकर ताजमहल बनानेवाले


ताजमहल बनवानेवाले को जेल में डालकर बादशाह भाइयों को मारकर बननेवाले

इस्लाम धर्म में है तो

 हिन्दू धर्म में आम्भी ,विभीषण ,कुंती जैसे पात्र

सभी धर्मों में जो दोष है  उसे निकालकर दुश्मनी बढ़ाना मनुष्यता नहीं ,

हिन्दू धर्म की कई गलतियों को  या इस्लाम धर्म की कमियों को


ईश्वर या खुदा देख रहा है उत्तरखंड में एक है तो खिल्ली उड़ानेवालों का जवाब आज मक्का में.

यो. ही झगड़ा बढ़ाने पर दुश्मनी बढ़ेगी तो इंसानियत न रहेगी.

इन नकली साधू संत  या मौलवी  या पादरी  ईश्वर या खुदा की देखरेखं  में हैं

ज़रूर तो दंड मिलेगा ही। 

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