ईश्वर की पूजा आराधना
जग हित और दान धर्म के लिए ;
आज कल केवल दिखावे के लिए
बाह्याडम्बर से भरी भक्ति
सोना -चांदी हीरे पन्नों की प्रधानता।
दूध का अभिषेक गरीबों की भूख निवारण के लिए ;
आज कल मोरे में बह रहा है;
चेन्नई शहर में मात्र ३००० गणेश की बड़ी मूर्तियां
औसत मूल्य ५००० /-
३०००*५००० =१५०००००० लाख रूपये
अति सुन्दर मूर्तियां
दस दिनों के बाद समुद्र विसर्जन।
ये रकम न राष्ट्र हित में , न दीन दुखियों के कल्याण में, न उद्योग धंधों के विकास में ,
न शिक्षा के विकास में न सनातन धर्म की प्रगति में।
ज़रा सोचिये बाह्याडम्बर की भक्ति से सब बेकार।
तनाव ;पुलिस न अन्य काम में [
अति सुन्दर मूर्ति की कारीगरी का अपमान। भगवान का छिन्न -भिन्न रूप..
सोचिये !भगवान का ऐसा अपमान आतंकित वातावरण में धर्म की प्रगति नहीं।
भगवान के कोप का पात्र हम बन जाएंगे !
तनाव ;पुलिस न अन्य काम में [
अति सुन्दर मूर्ति की कारीगरी का अपमान। भगवान का छिन्न -भिन्न रूप..
सोचिये !भगवान का ऐसा अपमान आतंकित वातावरण में धर्म की प्रगति नहीं।
भगवान के कोप का पात्र हम बन जाएंगे !
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