Tuesday, October 4, 2016

saahityakaar

साहियकार  और  पत्रकार  दोनों  में
अधिक   दुखी  है , ठगे  हैं साहित्यकार.

प्रेम चंद , निराला,  पन्त , 


राजाश्रित  कवि  सब  थे  अधिक दीनावस्था  में. 
  अभी  हाल  ही  में  तमिल चित्रपट  के  कवि 
 इलाज  के  लिए  पैसे  न  होने  से ३९  वर्ष  की  उम्र में  ही  स्वर्ग  पहुँच  गए.
नवभारत  टाइम्स  के  ब्लोग्गेर्स को  खुद  पाइंट्स  देकर
प्रोत्साहित  कर  रहे हैं .
मैं   भी  अधिक  खुश.
पर  देखता  हूँ ,
मेरे  ११७००  पाइंट्स  अचानक  ७०००  हो  गए.
दस  हज़ार   का  पाइंट्स  ५०००  हो  गए.

मैं  केवल  इतना  ही  जानना  चाहता  हूँ
 क्यों   पाइंट्स  कम  करते  हैं  ऐसे.
प्लाटिनम  मेम्बर  को  क्यों
 अचानक  गोल्ड बना  दिया  ,
पता  नहीं .
मन  है  तो  जानकारी  दें .
जी  मेल  भी   भेज  चुका .
दें  इतनी   जानकारी.
न  चाहिए  रिवार्ड  या  अवार्ड.
जो  खुद  दिया  है,  खुद  लेना
कितना  है  न्यायसंगत.  

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