Friday, February 3, 2017

अव्वैयार --आठ्थिच्चूडी.

शिवमय 
 नीति ग्रन्थ  गुच्छा 
 अव्वैयार  रचित   आत्तिच्चूडी
भूमिका 
तमिल के श्रेष्ठ तमिल  ग्रन्थ  ,
धर्म ग्रन्थ   तमिल  कवयित्री अव्वैयार  कृत  आत्तिच्चूडी है.
यह छोटे बच्चों के लिए  आसान और नीति ग्रन्थ है.
 शिव  भगवान  के पुत्र गणेश जी  का यशोगान करेंगे .
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१.   धर्म -कर्म  करना   चाह.
 २..   क्रोध  तो दबाने  का  भाव  है.
 ३. जो  दे  सकते  हो  वही  कहो .

४.   दान- धर्म  देना  मत  रोक.
 ५. --अपनी  संपत्ति  दूसरों  से  मत  बताओ.
६..---निरुत्साह  कभी मत   होना.
  ७. --गणित  और `व्याकरण  पर हंसी मत उडाओ.

८.दूसरों   से  मांगकर  जीना हीन  है.
 ९.--माँगों  को देकर   खाओ .

९.सांसारिक  व्यवहार  जान  समझकर  बर्ताव   करो.

१०.---आजीवन  सीखना  मत  छोड़ो.
११ .-ईर्ष्यालू   बातें   मत  करो .
 १२.--अनाज को तौलकर देने  में   कम  मत  करो.(अधिक लाभ  पर  मत बेचो )
 १३.  जो  देखा वही बोलो .  ( झूठी गवाह  मत दो )
14---मदद गार बनकर अपनी जाति  की  रक्षा  कर.
१५,--शनिवार को तेल  मालिशकर  स्नान  करो

१६.--मधुर सुखी   बातें   बोलो.
 १७.-- मकान  बड़ा मत  बनाओ .
 18.-सद्गुण    जान -समझ  मित्रता अपनाओ .
१९.---माता -पिता  की सेवा  करो.

२०.कृतज्ञता  मत भूलो. ऋण  चुकाओ .
२१.---मौसम  में खेती  कर.

22-न्यायाधीश   पद  पर   बैठकर   फरियादियों से घूस  लेकर  मत  जीओ.
 23---धर्म  ग्रन्थ  के  विरुद्ध कर्म  मत  करो.
24 .विषैली  जंतुओं से  मत  खेलो.
25.  सेमर  के  बिस्तर  पर  सोओ.
 26.----कपट की  बातें  मत  कर.
२७.  हीन  कर्म  किसी भी  अवस्था  में  मत  कर.

28.   ब्रह्मचारी की  अवस्था  में  ही शिक्षा  सीखो .
29.--धर्म   मत  भूलो.
30. कम निद्रा   मत  कर. (नशीली नशें  मत सोओ)
३१.  क्रोध की बोली भूलो.
32. सब की रक्षा करना  ही   व्रत   है.
33.--दूसरों  के  लिए  जिओ .
 34.----निम्न गुण   छोड़ो .
 ३५.--सद्गुण मत छोड़ो

३६. --सज्जनों की  मित्र  न  छोड.

३७.--दूसरों  की हानी करना  छोड़ो.
38.- सदुपदेश   सुनो .
39.-कुटीर उद्योग -हस्त कला  मत  भूलो.
40.---डाका  डालना  मत   चाहो .(लालची  से  बचो )
41.-अपराध का  खेल  छोड़ो .
42..राजाज्ञा  का  पालन  कर.  (सरकारी  आज्ञा  का   अनुकरण   कर
४३.सत्संग और शिक्षितों   के  साथ  रह.
४४.- सत्य  के  रूप   का  झूठ  मत  बोल.
 45.  --यश प्रद     गुण  मत  भूल.
४६. .---क्रोध   उत्पन्न  करने  की  बात  मत करो .
४७. ---जुआ खेलना --कपट  मत चाहो .

४९.  जो  करते  हो ,सही अनुपात में  करो.
50.जिससे  मिलकर  चाहते हो ,उसे सही पहचान  लो.

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