ईश्वर के नाम संयम की सीख ;
ईश्वर के नाम दान -धर्म -त्याग की सीख ;
ईश्वर के नाम सारहीन अशाश्वत जग की सीख ;
ईश्वर के नाम आत्म नियंत्रण की सीख.
सब सीख तो ठीक ;
पर मंदिरों में ,देवालय में ,मस्जिद में
बाह्याडम्बर ,सोना -चांदी स्वर्ण के खान;
हर प्रार्थना अलग शुल्क ;
अमीरों के अर्थात टिकट लेने वालों के दर्शन जल्दी ;
सोना चाँदी चढ़ाओ ,पाप से मुक्त ;
नौकरी मिलने ,शादी होने ,परीक्षा उत्तीर्ण होने
मनौतियाँ अपनी-अपनी माँग ,
हर प्रार्थना अलग शुल्क ;
अमीरों के अर्थात टिकट लेने वालों के दर्शन जल्दी ;
सोना चाँदी चढ़ाओ ,पाप से मुक्त ;
नौकरी मिलने ,शादी होने ,परीक्षा उत्तीर्ण होने
मनौतियाँ अपनी-अपनी माँग ,
अपनीअपनी चाहें
पूरी होती हैं ,अजब की बातें ,
एक बार गया ,लाभ ही लाभ ,फिर
हर साल भगवद दर्शन ,मनौतियाँ पूरी।
दिन ब दिन ,साल भर साल भक्तों की भीड़
सम्भालना ,क़ानून -व्यवस्था ,
यातायात ,पानी ,टट्टी की सुविधाएँ
एक बार गया ,लाभ ही लाभ ,फिर
हर साल भगवद दर्शन ,मनौतियाँ पूरी।
दिन ब दिन ,साल भर साल भक्तों की भीड़
सम्भालना ,क़ानून -व्यवस्था ,
यातायात ,पानी ,टट्टी की सुविधाएँ
यह तो एक चमत्कार ;
पुण्य क्षेत्र के अजीबो -गरीब बातें
पुण्य क्षेत्र के अजीबो -गरीब बातें
सचमुच भक्ति क्षेत्र निराली ;
एक और ठगे जाते है ,
दूसरीओर श्रद्धा -भक्ति बढ़ती जाती है ;
असत्याचरण भी ,सत्याचरण भी
पाप कर्म करने.
एक और ठगे जाते है ,
दूसरीओर श्रद्धा -भक्ति बढ़ती जाती है ;
असत्याचरण भी ,सत्याचरण भी
पाप कर्म करने.
अज्ञात डर -आतंक -उत्पात
बड़े बड़े पाप निष्ठों को भी
झकझोर कर देता जरूर।
बड़े बड़े पाप निष्ठों को भी
झकझोर कर देता जरूर।
यही ईश्वरीय दंड -चमत्कार.
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