आश्चर्य चकित प्रगति.
हिंदी की.
तमिलनाडु में.
न नौकरी की आशा.
न राज्य सरकार का समर्थन.
न प्रचार का जोश.
छोटे छोटे गांवों में भी
द्रमुक दलों के लोग भी
हिंदी विरोध का जोरदार भाषण.
केवल राजनीति हीे कारण.
वे भी पढने के चाहक.
पढने तैयार.
स्वयं प्रचारक कमाते ,
छात्र खुद पढने आते.
प्रचारकों की कमी.
दक्षिण के चारों प्रांतों में
तमिलनाडु की छात्र संख्या अधिक
सभा की परीक्षाओं में.
नौवीं कक्षा में ही
प्रवीण बीए स्तर की परीक्षा.
हिंदी की.
तमिलनाडु में.
न नौकरी की आशा.
न राज्य सरकार का समर्थन.
न प्रचार का जोश.
छोटे छोटे गांवों में भी
द्रमुक दलों के लोग भी
हिंदी विरोध का जोरदार भाषण.
केवल राजनीति हीे कारण.
वे भी पढने के चाहक.
पढने तैयार.
स्वयं प्रचारक कमाते ,
छात्र खुद पढने आते.
प्रचारकों की कमी.
दक्षिण के चारों प्रांतों में
तमिलनाडु की छात्र संख्या अधिक
सभा की परीक्षाओं में.
नौवीं कक्षा में ही
प्रवीण बीए स्तर की परीक्षा.
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