Sunday, November 12, 2017

कलियुग की आजादी (ச)

संगम के मित्रों को प्रातः कालीन प्रणाम.
कलियुग की बातें निराली ,
आजादी प्राप्त युग ,
आ साथी कहें तो कर्ण सा कृतज्ञता होना है ,
पर
दल बदल कर शासन करने तैयार .
बड़े भाई शासित दल में ,
छोटे भाई विपक्ष दल में ,
बुआ ,मामा , चाचा , भतीजा या
कोई विश्वस्त साथी बड़े ओहदे पर .
आजादी मिल गई तो भ्रष्टाचार के ढंग
क़ानून से बचने दिन ब दिन बढ़ रहे हैं.
एक ही दूकान, विभिन्न रसीद बुक विभिन्न नामों में ,
सलाह देने तैयार क़ानून की आँखों में धुल झोंकने ,
वकील, आडिटर , अफसर , उनको चाहिए
काले धन , साथी वकील न्यायाधीश ,
साथी मित्र या नाता रिश्ता उच्च पद पर
आजादी से बचने बेनामी के नाम पर
बड़े -बड़े होटल कारखाने ,
गहराई से सोचा तो राजतंत्र ही
लोकतंत्र के आवरण में ,
मरने -मारने -मजदूरी सेना ,
आज कल तो एक ऐसी सेना
आत्महत्या की सेना.
लव जिहात की सेना प्यार के चंगुल में फंसाकर
सम्पत्ति हड़पना, धर्म -परिवर्तन , हत्यायें ,व्यभिचार .
सोचो , आजादी सब को मिल गई क्या ?
आजादी उनको मिल गयी ,
जो सरकारी बैंक से कर्जा लेकर
न चुकाता हो ;
आजादी उन नेताओं को मिल गयी
जो फोन से बोलकर ही पैसे बैंक से मिलता हो ,
आजादी उनको मिलगई जो कालेधनी हो.
आजादी उनको मिलगई , जो आश्रम चलाकर
करोड़ों की संपत्ति जोड़ता हो,
नए नए मंदिर काले धन छिपाने
नए नए आश्रम काले धन बटोरने ,
आजादी तो मिल गयी धनियों को मनमाना करने.
धन जोड़ो बलात्कार करो ,
धन जोड़ो मन मनमाना कमाओ ,
धन जोड़ो , पद जोड़ो , मजदूरी आत्महत्या , धन लोलुप
तुझको बचानी भीड़ , इकठ्ठा करके
बचाने तैयार.
वकील ,न्यायाधीश कानून के खोखले से
बचाने मुकद्दमा को १८ -बीस साल तक स्थगित रखने तैयार.
हाँ , आजादी उनको मिलगई ,
जो मन माना लूटता हो.
ईमानदारियों को बचने -बचाने तो कोई नहीं ,
भ्रष्टाचारियों को बचाने राजनैतिक शासक, विपक्षी , प्रसिद्द चित्रपट अभिनेता आदियों की बड़ी सेना तैयार .
मिलगई आजादी उनकी , जिनके पास
लाखों करोड़ों का काला धन हो , भ्रष्टाचारी में सर मौर हो.
यही नाटक देख रहे हैं आसाराम , राम -रहीम . ,
राजीव के हत्यारे, दिनाकरण के आय कर खोज ,
और अन्य राजनैतिक भ्रष्टाचार जैसे कोयले , बोफर्स , २जी , ३जी में .
जय लोकतंत्र, जय ऐसे नेता ,
वोट देने तत्पर तैयार
भारतीय मतदाता. आदि काल में राक्षसों के शासन देव भी कैद .
कलियुग में भी वैसा; पर कलियुग अच्छा, जरा डरते डरते चलते हैं.

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