Friday, June 29, 2018

சீ ர டி நாதா,

சீ ர டி  நாதா,
 உன்னடி  சரணம்.
உடனடி  அரு ள்,
உன்னி டம் தஞ்சம் .
சத்ய சா யீ,
ச டு தி யி ல்  அ ரு ள் வா ய்.
உள்ளத் தி ல்  உன்னை வை த் தா ல்
எண்ணங்கள்  நி றை வே று ம்.
சாயீ ராம்!  சா யி  ராம்!
மதங்கள் மறக்க உன்ன ரு ள்.
ரா ம்  சா யி! அல்லா  சா யி!
கி ரு ஷ்ண  சா யி!  ஏசு  சா யி!
மனி த  நே யம்  வளர்க்கு ம் சா யி  பின்.
சனா தன தர்மத் தின் சா ரம்.
வை யகம்  ஒரு கு டு ம் பம்.
வாழ்க  வை யகம்.
பா ரத சமத் து வ மா ர்க்கம்.
சா ய் மஹா ரா ஜ் கீ  ஜய்.
ஜகம் பு கழு ம் சாய்.
ஜகம் கா க்கு ம் சா யி.
சா ந் மஹா ரா ஜ் கீ ஜய்.!

लेखक और समाज

लेखक अपने
अमूल्य समय,
दिमाग लगाकर
शब्दार्थ सजाकर
समाज के कल्याण,केलिए,
देश की भलाई के लिए, 
कुछ लिखता है,
लिखना ईश्वरानुग्रह है.
पर सम्मान ?
वह तो ईश्वरीय है,
अमीरी माया भरी,
समाज बिगाडनेवाले
गीत के लिए.
इश्क भरे अलौकिक इच्छाएँ,
जगानेवालों के लिए.
क्या करें?
चित्रपट में नायिका भी आजकल
हेलन, जयमालिनी जैसे!
दर्शन, राष्ट्र भक्ति, राष्ट्रीय विचार
न्यायालय, पुलिस, शिक्षा, शासक आदि पर
अविश्वास भरी कथाएँ.

ईश्वर का वरदान.

मानव सेवा करो. 
मानसिक शांति पाने. 
ईश्वर का अनुग्रह पाओ. 
ईश्वर सृष्टित मानव की सेवा करके. 
सत्य का पालन करो, 
सर्वेश्वर की कृपा कटाक्ष मिलें.
ईमानदारी से रहो,
ईश्वर से वरदान पाओ.
कर्तव्य निभाओ,
निष्काम सेवा का फल
ईश्वर का वरदान.

प्रेम और दुनिया

प्रेम कहाँ है? 
किससे कैसा मिलेगा? 
पता नहीं, 
जो देता रहता है, 
उसको प्रेम मिलता है क्या?
नहीं, कभी नहीं मिलता है.
देनेवाले से बढकर कोई देगा, तो
तजकर जाने लोग तैयार है.
जो लेकर ही देनेवाले को
खुशामद करके
जीता है, अंत तक वह मेहनत नहीं करता.
जो मेहनत करता है, वही देता है .
मेहनती जो देता है,
उसका मीन मेख देखने
नाते रिश्ते तैयार रहते हैं.
मेहनती भूखा प्यासा रहें,
पीडा सहता रहें, उसकी चिंता नहीं करता.
आज़ादी की लडाई में जो सच्चे अच्छे, नेक
त्यागी थे, आज़ादी के बाद
गरीबी के गड्ढे में पडे रहे.
स्वार्थी, भ्रष्टाचारी सांसद विधायक बन रहे हैं.
मंदिर भी ऱईश मंदिर का विशेष महत्व है.
यही मतलबी दुनिया है.

भारतीय सभ्यता और मजहब


विश्व में हिंदू
सभ्यता का विकास, 
हिंदी भाषा का विकास, 
भारतीय योग साधना, 
कृष्ण भक्ति, गीता का महत्व
अपने आप बढ रहा है.
भारतीय सभ्यता व संस्कृति
सारे जहाँ से अच्छा
हिंदोस्तान हमारा हमारा
सभी सभ्यता मिट गई,
हमारी सभ्यता का विकास हुआ.

अपने आप बढ रहा है.
भारतीय सभ्यता व संस्कृति
सारे जहाँ से अच्छा
हिंदोस्तान हमारा हमारा
सभी सभ्यता मिट गई,
हमारी सभ्यता का विकास हुआ.

Wednesday, June 27, 2018

भरोसा

भगवान के शरणार्थी  को कोई नहीं चिंता.
प्रार्थना  के बल से
कर्म फल की कठिन परीक्षा  में
साहस और सहने की शक्ति मिलेगी.
कष्ट के समय धीरज, शांति, प्रयत्न में सफलता की आकांक्षा,  वक्त आने पर भाग्योदय,
सफलता के शिखर पर पहुँच जाने का भरोसा,
अंत में सफलता.
पर एक बात पर सावधान..

सत्य, ईमानदारी, कर्तव्य पालन में तटस्थता,
सफलता के मूल है.
मानव जाति  के दुख के मूल में क्रोध, लोभ, काम, अहंकार है, सौ  प्रतिशत  भगवान पर भरोसा  रखना है.

Sunday, June 24, 2018

बाह्याडंबर

पराशर गुरुकुल में एक दिन.
 मैसूर से लगभग 15 कि. मा. की दूरी पर
बेलुकगोला में   नरसिंह स्वामी
के अनुग्रह  और उनके भक्त के
अथक परिश्रम  से गरीब ब्राह्मण
बच्चों को  आधुनिक पाठ्यक्रम और वेद मित्रों की शिक्षा  भी दी जाती है.
2003में स्थापित इस संस्था  में
अब लगभग 60 और कालेज में पढनेवाले छात्र भी हैं.
हर साल सकल लोगों की रक्षा  ,स्वास्थ्य, धन वृद्धि  के लिए
यज्ञ-होम-हवन आदि बडी श्रद्धा  से करते हैं.
ईश्वर के अनुग्रह  से 2018ई.
 मई 25 तारीख को एक दिन  वहाँ ठहरा. वह स्थान आनंदप्रद  रहा.
वहाँ के दृश्य