Friday, June 29, 2018

लेखक और समाज

लेखक अपने
अमूल्य समय,
दिमाग लगाकर
शब्दार्थ सजाकर
समाज के कल्याण,केलिए,
देश की भलाई के लिए, 
कुछ लिखता है,
लिखना ईश्वरानुग्रह है.
पर सम्मान ?
वह तो ईश्वरीय है,
अमीरी माया भरी,
समाज बिगाडनेवाले
गीत के लिए.
इश्क भरे अलौकिक इच्छाएँ,
जगानेवालों के लिए.
क्या करें?
चित्रपट में नायिका भी आजकल
हेलन, जयमालिनी जैसे!
दर्शन, राष्ट्र भक्ति, राष्ट्रीय विचार
न्यायालय, पुलिस, शिक्षा, शासक आदि पर
अविश्वास भरी कथाएँ.

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