Saturday, January 25, 2014

आरक्षण

आरक्षण  आवश्यक है  क्योंकि हमारे पुरखों ने  एक बड़े समुदाय को शिक्षा न दी.वह  वर्ग  में  गुप्त सम्बंध रखा; तमिलनाडु में मध्याह्न हरिज़न कहकर ब्राह्मण की एक जाति है.विदुर को गरीब रखा;वह दासी पुत्र बुद्धिमान निकला. माता-पिता के पाप का दंड पुत्र को भोगना पड़ेगा;दलितों में एक जागृति आई;उनकी जागृति के कारण भी उच्च जाति के सुधारवादी लोग थे;वह भी अंग्रेज़ों के आने के बाद;स्वतंत्रता संग्राम के समय .जमनालाल बज़ाज़  , गरीब रखा;वह दासी पुत्र बुद्धिमान निकला. माता-पिता के पाप का दंड पुत्र को भोगना पड़ेगा;दलितों में एक जागृति आई;उनकी जागृति के कारण भी उच्च जाति के सुधारवादी लोग थे;वह भी अंग्रेज़ों के आने के बाद;स्वतंत्रता संग्राम के समय .जमनालाल बज़ाज़  ,महात्मा गाँधी,चक्रवर्ती राजगोपालाचारी और उनके अनुयायी हरीजनोद्धार कार्य में बड़ी क्रांति की;दलित जो ईसाई बने,उनको शिक्षा मिली;दलितों का संघ बना;वे मेहनती वर्ग आगे बढ़ने सुविधाएं देनी पड़ी;उनमें जो चतुर थे आगे  बढे;वे खुद अपने लोगों से दूर रहना चाहने लगे;यह तो ठीक हैं;उनको शिक्षा देकर उचित नागरिक बनाना इज़्ज़त देना अत्यंत प्राथमिक कार्य रहा. जो इनमें मेधावी है,वे आयेज आये;जैसे सभी जातियों में होता है;लेकिन इनकी सांख्या अल्प थी;इन अलपॉं में कुछ अपने को ऊँचा समझा; इनमें जो राजनीति क्षेत्र में आये वे
स्वार्थ साधने वोट बैंक के रूप में इनको उपयोग किया;आरक्षण नीति के लिये एक निश्चित अवधि चाहिये;जो स्नातक और स्नातकोत्तर बने,उनको फिर सहूलियतें न देकर,जिनकी तरक्की न हुई उनको सुविधाएं देनी चाहिये;वैसा न हुआ;सबकी समान प्रगती हो रही है;उसकी कालावधि की सीमा निर्धारण ज़रूरी  है.

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