Tuesday, November 19, 2024

विचार प्रदूषण से बचो बचाओ

 नमस्ते वणक्कम्।

एस.अनंतकृष्णन , चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक का।



मानवीय मूल्य माला मंच

 मानवीय मूल्य की नसीहतें 

 सभ्यता के विकास काल से

आजतक मानव कल्याण के लिए।

  सनातन धर्म के अनुसार 

 प्रकृति की आराधना,

 पंचतत्व आग,वायु, भूमि, जल आकाश की आराधना।

 इन सबको प्रदूषण से बचाना।

 विश्वविद्यालय की संख्या ,

 स्नातक स्नातकोत्तर , डाक्टरेट की संख्या ,

 पर सब के उद्देश्य 

केवल धन कमाना।

 नहीं तो झीलों का नदारद होना,

 नदियों की चौड़ाई कम होना,

 पवित्र नदियों का जल प्रदूषित।

  कृषी की भूमि नगर विस्तार 

 नगरीकरण  के नाम नष्ट होना,

 जीव नदियों के 

कृषी प्रधान देश को

 उद्योगीकरण के नाम से

 मरुभूमि बनाना,

 चुनाव जीतने धन प्रधान।

 पता चलता है,

 शिक्षित बढ़ते बढ़ते 

 भ्रष्टाचार, रिश्वत का बढ़ना,

 विचार प्रदूषण के बढ़ने का परिणाम।

 सोचिए,

शिक्षित वर्ग ही ओट देने नहीं जाते। 

 राजनैतिक लोग फुटपाथ वासियों पर ही विश्वास रखते।

 चुनाव के समय 

घूमते गरीब बस्तियों में 

 खिलाते पिलाते   हजार रुपए देते बस

 जीतते फिर अगले चुनाव तक झोंपड़ी बस्तियों की ओर न जाते।

 कारण 30-35% शिक्षित  स्वार्थ 

 अपने को बड़ा समझनेवाले ओट नहीं देते।

 विचार प्रदूषण बढ़ाने में,

 सद्यःफल के चित्रपट

  अश्लील गीत और अंग प्रदर्शन से

‌युवकों का दिल में जहर डालते।

 परिणाम जिस देश की भाषाओं में तलाक शब्द नहीं,

 वहाँ तलाक मुकद्दमा में 

 वकील मालामाल बन जाता।

 पारिवारिक शांति भंग हो जाती।

 मानवीय मूल्य के कम  होने के जमाने में,

 यह मंच मालाजी का मंच,

 जागरण देने में सजगता लाने में 

 सेवा भाव से आगे।

 समर्थन करना

 समाज हितचिंतकों  का,

 स्वयं सेवकों का धर्मकर्म है।

 युवकों! जागो, जगाओ,

 विचार प्रदूषण से बचो, बचाओ।


एस.अनंतकृष्णन , चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति रचना।

 

 




 

 


 



 

 






 

 


  


 

 


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