Monday, November 25, 2024

मानव दशा दिशा

 एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई 

    मानसरोवर साहित्य अकादमी का नमस्ते वणक्कम्।

 

विषय --- एक नई परीक्षा जिंदगी की।

  दिनांक --26-11-24 दैनिक प्रतियोगिता।

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एक नयी परीक्षा जिंदगी की,

 जन्म से लेकर अंत तक।

 ईश्वरीय सृष्टि  में  गुण अवगुण,

 यश अपयश धन निर्धन की नौ

 सबल -दुर्बल, रोग- नीरोग 

धनी निर्धनी,दया निर्दयता

 काम क्रोध मद लोभ,

 ईश्वर प्रदत्त गुण,

 नायक, खलनायक,

   यह सृष्टि मानव निर्मित नहीं,

   प्रकृति पंचतत्व की देन।

    कहते हैं प्रयत्न करो,

     भाग्य -दुर्भाग्य की चिंता न करो।

     मानव हो निराशा न करो मन को।

      अंग लक्षण से अहंकार,

       अंग अवलक्षण से अपमान।

       सामुद्रिका लक्षण किसकी देन।

       प्रतिभाशाली औसत बुद्धि, मंदबुद्धि।

        सांध्य असाध्य रोग,

        मधुर स्वर, कर्णकटु स्वर,

         न जाने  ईश्वरीय देन।

          जन्म से बहरा, अंधा, नपुंसकता 

           हर दिन नयी परीक्षा जिंदगी की।

           पद हैं, धन है, हक है प्रतिभा है,

            पूत है कपूत तो हर रोज़ नई परीक्षा है

          परिणाम विश्लेषण मानव हो जाता 

            असफल प्रयत्न , सफल जिंदगी।

            नये नये रोग, नये नये आविष्कार।

            सोचो विचारों,  दुर्घटनाएँ,

              एक नयी परीक्षा जिंदगी की

             हर रोज़ आती रहती है।

              

एस. अनंत कृष्णन, चेन्नई तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक द्वारा स्वरचित भावाभिव्यक्ति कविता।

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