Wednesday, August 23, 2023

हास्य

 हास्य  

जब शादी हो गई,

तब मृदंग बन गया।

 एक ओर ससुरालवाले

 दूसरी ओर माँ

 ढोल पीटने लगे।

 बेचारी बीवी को 

दिलासा देने तैयार।

 समर्थन के लिए  एक दल।

 मैं ही मृदंग  बन।

 ढोल दोनों तरफ पीटने लगे।।

मैं पुरुष हूँ ,

सहना ही धर्म।

 अर्धांगिनी दुविधा में।।

 मैं?

 ज़माना गुजर गया।

अब बेटा विदेश में,

 बहू विदेश में।

आजद प्रेम पक्षी की तरह।।

 पोता फोन में बोलता है,

 मैं माता पिता यही मेरा परिवार।

 पुर्खों का पाप, सांस सुसुर 

 माँ बाप वृद्धाश्रम में,

 कलियुग में दंड तत्काल।

मैं भी छे महीने विलायत में।

 जानो समझो वृद्धाश्रम  का रहस्य।

 कर्म फल निश्चित।

 कलियुग धर्म से भरा।।

तत्काल स्वर्ग नरक भूलोक में।

एस.अनंतकृष्णन, चेन्नै।

 स्वरचनाकार स्वचिंतक अनुवादक तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

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Monday, August 21, 2023

जान समझ चल

 नमस्ते वणक्कम

 एस . अनंत कृष्णन का।


 शीर्षक ----जान समझ चल।



पढूँ,लिखूँ, सुनूँ,सुनाऊँ,

समझूँ,समझाऊँ

 एक ही बात।

 नश्वर दुनिया।

नश्वर शरीर।

 जगत मिथ्या।

 जन्म अमीर के यहाँ,

 जन्म गरीब के यहाँ,

भिखारी के यहाँ,

 राजमहल में,

 रंक की झोंपड़ी में।

स्वस्थ काया,

 अस्वस्थ काया।

 लंबा शरीर,नाटा शरीर।

 मधुर स्वर, कर्ण कठोर स्वर।

बुद्धियुक्त,बुद्धि हीनता।।

 पहलवान शरीर,

दुर्बल शरीर।

दिव्य शक्ति,

आसुरी शक्ति।

सम्मानित जीवन

अपमानित जीवन।

 कदम कदम पर मर्यादा।

कदम कदम पर अवमर्यादा।।

खिला हुआ चेहरा,

कुम्हलाया चेहरा,

 आनंदमय जीवन,

संताप भरा जीवन,

 ईश्वरीय देन जान मान।।

अपराधी को राजपद।।

निरपराधी को फाँसी की सजा।

 ये सब अगजग में,

 अघों के कारण जान-मान।।

कर्मफल का परिमाण ।

 स्वर्ग नरक और कहीं नहीं,

 भूलोक ही जान!

 संतान हीन संताप।

 संतान से ही संताप।

 पालित पुत्र से सुख।

 स्व आनंद से सृष्टित

 संतान से असीम वेदनाएँ।

नौकरी मिली, पर वातावरण नरक तुल्य।।

नौकरी मिली, स्वर्ग सुख।

 वैवाहिक जीवन आनंद भरा

 वैवाहिक जीवन दुख भरा।।

  ये ही है ईश्वर सृष्टित  भूतल पर।

  अति सूक्ष्म शरीर धारण।

 अति सूक्ष्म लीला दाम।

दुनिया अजब बाजार है,

फूँक फूँककर कदम रखो।।

 एस.अनंतकृष्णन, चेन्नई।

 स्वरचनाकार स्वचिंतक अनुवादक तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

Friday, August 18, 2023

अमर शहीदों को प्रणाम

 अमर शहीदों को प्रणाम।

हमारा   आनंद ,

हमारा आतंकरहित जीवन

  हमारा  जीता जागता 

 प्रत्यक्ष देव।

देश के लिए अपने 

 प्राण न्योछावर कर

 शहीद हो गए ।।

 उन शहीदों  को
हम प्राण  दे नहीं सकते।

 प्रत्यक्ष देव भगवान का सृजन।

 देवेन मनुष्य रूपेण का 

  प्रत्यक्ष प्रमाण।

 हमारे सैनिक,

हमारे स्वतंत्रता संग्राम के शहीद।

 हमारे स्वतंत्र भारत की खुशियों की  पक्की आधार शिला नींव।

लाल बाल पाल,

 सुखदेव भगत सिंह खुद राम, नेताजी सुभाष,  

वीर पांडिय कट्टबोम्मन।

वीर वांचिनाथ, तिरुप्पूर कुमरन।

कल्लूरी सीताराम राजू,

गांधीजी, नेहरू पटेल,

 नेता के नाम लेते हैं,

इन सबके इशारे पर

लाठी के मार सहे,

जेल की यातनाएँ सहे,

कोल्हू  बैल बन खींचे।

तन मन धन प्राण 

अपना सर्वस्व 

 भारत माता की हर कड़ी 

 जंजीर तोड़ने अर्पण किया।।

उन सभी  शहीदों को,

 आत्म बलिदानी त्यागियों को

कोटि कोटि प्रणाम।

जय भारत।

एस. अनंत कृष्णन,

चेन्नई 

 स्वरचित स्वचिंतक अनुवादक 

तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

Thursday, August 17, 2023

हमारा देश और प्रशासन।।

 एस. अनंत कृष्णन, तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक का

सादर प्रणाम।

 नमस्ते वणक्कम।

 हमारा देश और प्रशासन।।


     लोकतंत्रात्मक प्रशासन में 

     जनकल्याण  के खर्च,

    गरीबों के कल्याण के खर्च,

    गरीबों की शिक्षा का खर्च

    फुटपाथ वासियों के  मोरे नाले       के पास को साफ करना

  आदि पर ध्यान ही देते नहीं।

 कब्र समाधी बनाने के करोड़ों रुपये,

    सामान्य जनता की सेवा के लिए नहीं करते।

 राशन की दुूकानें  

10*10इंच की जगह पर ।

 गरीबों को धूप पर लंबे कतार।

 सरकारी स्कूलों में

 शौचालय नहीं,

 श्यापट नहीं, 

खड़िया नहीं,

 पेय जल  नहीं, 

 निजी स्कूलों में सब सुविधाएँ,

 अध्यापक बेगार।।

 वेतन कम एक सरकारी स्कूल अध्यापक का वेतन चार 

 अध्यापकों को।

 एल.के.जी.दान शुल्क 

पचास हजार से सात लाख तक।

एक छात्र का दान शुल्क 

 एक अध्यापिका का वार्षिक वेतन।

 सरकारी अध्यापक प्रशिक्षित,

 पर उनको छुट्टियाँ लेने की

 मनमानी छूट।

 कुल वर्ष में काम के दिन

  200 . 165 दिन छुट्टी।

 काम के दिनों में

  पढ़ाई के सिवा अन्यान्य कार्यों में लगना।

 अंग्रेज़ी माध्यम के निजी 

 स्कूलों में  नौवीं फेल  या पास टी .सी।

 शिक्षा अधिकारी निजी स्कूलों की करते प्रशंसा।।

  सरकारी स्कूलों में नौवीं तक पास अंक 20या 25.

दसवीं सरकारी आम परीक्षा

लेने हैं 35%

 केंद्र सरकार के स्कूलों में

 भारतीय भाषाओं में 30% काफी।

 अंग्रेज़ी माध्यम का ही सम्मान।

  नवोदय विद्यालय तमिलनाडु में विरोध।

 केंद्रीय सी बी एस सी स्कूल खोलने की अनुमति।

 शिक्षा का व्यापार खूब।

 आज नहीं आदी काल  में

जातीय शिक्षा, आधुनिक काल में धनीय शिक्षा।

 जय हो भारतीय शिक्षा नीति।।

सोचना है, विचार करना है,

  राष्ट्रीय शिक्षा को अनिवार्य बनाना है।

जननी जन्म भूमि

 तीन रंगों का झंडा,

हमें हैं जान से प्यारा।

 जननी जन्मभूमि का

 विकास करना,

‌हमारा कर्तव्य प्यारा।।

आ सेतु हिमाचल की सुरक्षा

 स्थल, वायु,जल सेना को

 हार्दिक प्रणाम।

 आसानी से नहीं मिली आज़ादी।

 आ सेतु हिमाचल के नागरिक

 धर्म अर्थ काम मोक्ष का धाम।

आध्यात्मिक भूमि,आराध्य भूमि।

 स्वर्ग से श्रेष्ठ भारत।।

 संत ऋषियों-मुनियों की भूमि,

  जीव नदियों की हरियाली,

   शिव, विष्णु की अवतार भूमि।

 माँ भारती को चरण स्पर्श वंदन।


एस.अनंतकृष्णन,

 स्वरचित स्वचिंतक अनुवादक तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक

खुद को पहचानो

 खुदा की अधोगती देखो

खुद को पहचानो।

 नबी को पत्थरों से मारा।

ईसा को  शूली पर चढ़ाया।

 सभी देवों को कारवास में डाला।

 आजके स्नातकोत्तर जमाने में

 युवक कहता है,

कंस ने बहन और बहनोई के  

शारीरिक सुख को प्रधानता दी।

अलग अलग रखता तो 

आठवें पुत्र जन्म नहीं होता।

 महाभारत नहीं कथा।

 कलियुग में दुराचार,

 वहीं बलात्कार त्रेता युग

 द्वापर युग की कथाओं में है 

साहित्य समाज का दर्पण है तो

जानो, समझो, सावधान रहो।।


स्वरचित स्वचिंतक एस.अनंतकृष्णन।

चेन्नै। तमिलनाडु हिंदी प्रेमी प्रचारक।

स्वरचनाकार ।

अपना अपना  नसीब। 

नसीब के मुताबिक नुकसान फायदा।

 क्रिकेट जुआ, वहाँ भीड़।।

भ्रष्टाचार दल उनकी कामयाबी।।

अंक देनेवाले उस्ताद गुरु

 अंग देनेवाली रंडिया

 इनके साथ  ही पद, अधिकार,धन लक्ष्मी।।

  दुनिया अजीबोगरीब।

 जानो समझो मन को अटल रखो।

 पूर्व चतुर होशियारों ने बताया है,

दुनिया अजब बाजार है,

फूँक -फूँककर कदम रखो।

एस. अनंत कृष्णन।

रचना ईश्वरीय देन का रचनाकार।

Monday, August 14, 2023

संकलप कर लो

 स्वतंत्रता स्वतः नहीं मिली।

सुप्त जनता को जगाया

 स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार नारा।

 विदेश कपड़ों का बहिष्कार।

 वंदेमातरम्।

जय हिन्द।।

  युवकों हमेशा उन प्रेरणादायक

 नेताओं को स्मरण रखो,

 उन कवियों को याद रखो

 उन करोड़ों त्यागियों की याद रखो।

 उन के प्रति हमारी श्रद्धांजलि

 भारतीय बनना।

 भारतीय भाषाओं को महत्व देना।

 नागरी लिपि द्वारा भारतीय भाषाओं को सिखाना।

 सर्वोदय मार्ग को अपनाना ‌।।

सर्वहित का काम करना।

 स्वदेशी वस्तुओं को ही अपनाना।

 भारतीय एकता कायम रखना।

 जय भारत!जय हिन्दी। जय नागरी लिपि।

 देश हमारा, कच्चा माल हमारे।

 तैयारी माल हमारे।

 विदेशी भाषा हमारी नहीं,

 ७६वाँ स्वतंत्रता दिवस में

 संकल्प कर लो

 भारतीय भाषाओं को उत्थान की ओर ले चलेंगे।।

जय भारत।