Thursday, January 8, 2015

सोचो! शत्रु बाहर नहीं ,देश में.

  कहते है  देश में  आतंकवादी और विदेशी खतरा हैं ,

सोचो ! वास्तविक खतरा बाहर है या  अन्दर.

इतिहास पढ़ा,
भारतीय वीर  ने सिकंदर  को रोका.
भाई ने सिकंदर का साथ दिया;

इब्राहिम लोडी का साथ किसने दिया;

अंग्रेज़ी कितने थे ;

उनके गुलाम नमकहराम

 भारतीय कितने थे.

देशद्रोहियों के कारण ही देश में खतरा.

कर्तव्य परायण  धर्मनिष्ठ अधिकारी .

दारोगा ,जिलादीश  राजनैतिक स्वार्थियों के

फुटबाल -तबादला.

भ्रष्टाचार के फाइल नदारद.

कल की खबर तमिलनाडु बिजली विभाग में

एक लाख करोड़ का भ्रष्टाचार;

ग्रनेट में  लाखों करोड़ ;

कोयले में फाइल नदारद;

२जि ,३जि ,स्पेक्ट्रम   और  न जाने

प्रांतीय -केन्द्रीय सांसद -विधायकों  के काले धन ,

व्यापारियों के कालेधन ,
बगैर रसीद के स्वर्ण व्यापार,

शिक्षित C.A सिखाता है डबुल रसीद बुक

हाथी के दांत खाने के और दिखने के और.

संपत्ति जोड़ मुकद्दमा वकीलों की चालाकी
अठारह साल और भी आगे,
वकील की नियुक्ति में  परेशानी.
बलात्कारियों के पक्ष में ,
भ्रष्टाचारी आश्रमवासियों के पक्ष में
यों ही भरी भीड़.
देश की तरक्की में बाधायें.

जातिभेद धर्म-भेद न जाने
भाइयों के झगड़ों में महाभारत,
सोचो! शत्रु बाहर नहीं ,देश में.
एक छोटे गाँव में AK47 कैसे आया?
मंदिर -मस्जिद में हथियार आतंकवादी कैसे?
बगैर भारतीय समर्थन के या नहीं.
सोचो ! सच्चे आदर्श देश भक्त बनो;
न खतरा देश की !

साल  में एक दिन पुलिस को मिलें  आदेश ,
आश्रम ,मंदिर ,मस्जिद  सब  की तलाशी करें .
देव-मंदिर  आतंकवादियों  का आश्रय दल  न  बनें |
अस्त्र-शस्त्र-काले  धन  का   गोदाम  न   बनें.

सर्वेश्वर से अनुरोध  है,

वे सब को सद्बुद्धि  दें.

सब के  मन  में यह विचार  बस  जाएँ ,
अशाश्वत जग  में ,अमर अपने अपने देश भक्ति और  सेवा.




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