हमें भूलना नहीं कभी ,
धार्मिक एकता को तोड़ते हैं.
फिर वही कहानी आजादी के ६७ के बाद
दक्षिणमें तमिल तमिल चिल्लाते हैं तो
हिन्दू मुसलमान दलित के भेद
सोचो !भारतीयों! हम हैं भारत वासी ,
फिर तोडना -जोड़ना -टूटना
देश की भलाई नहीं ,
याद रखना हैं हम हिन्दू -मुस्लिम
आपस में है भाई -भाई.
हम हैं भारतवासी.
हमने सामना किया
आक्रमण कारियों का.
जो बस गए यहींके हो गए.
कुछ नाता जोड़कर गए तो
कुछ नाता तोड़कर गए.
कई देश भक्त पुरु जैसे थे तो
आंबी जैसी देश द्रोही भी.
गोरी लूटा ,गजनी लूटा,
हम भी बिन एकता के टूटे हुए थे.
जो आये हमें जातियों के नाम
धर्म के नाम तोड़ते रहे ,
हमारी विविधता में एकता
लाने में हो गए असमर्थ .
जब भेड़ों को भूल एक होकर लड़ें तो
जीत हासील करके छोड़े;
पर हमारे भाई को हम से अलग करने में
हो गए सफल.
भारत का एक टुकड़ा टूट
पाकिस्तान बन गया तो
पाकिस्तान टूटकर दो बन गए.
याद रखना हैं हम हिन्दू -मुस्लिम
आपस में है भाई -भाई.
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