अहिन्दी क्षेत्र खासकर
तमिलनाडु के प्रचारक
उनको प्रोत्साहित करने ,
युवकों को हिंदी प्रचार में लागने चाहिए
नयी शक्ति .
वर्ष है यह सभा के शदाब्दी वर्ष
कुछ करना है हिंदी प्रेमियों को
न वहां राज्य सरकार से प्रोत्साहन ,
न केंद्र सरकार से ,
खुद अपने परिश्रम और आमदनी से कर रहे हैं प्रचार.
मुफ्त में कुछ लोग , पैसे लेकर कुछ लोग
अन्यान्य कामों के बीच हिन्दी के प्रचार में ही लग जाते,
न पूर्ण कालीन हिदी के सहारे जीने वाले प्रचारक,
न यहाँ हिंदी में जीविकोपार्जन का मार्ग
फिर भी लाखों की संख्या में हिंदी के चाहक
कम से कम करें प्रशंसा के प्रोत्साहन.
अहिन्दी लेखकों को भी दें प्रोत्साहन.
तमिलनाडु के प्रचारक
उनको प्रोत्साहित करने ,
युवकों को हिंदी प्रचार में लागने चाहिए
नयी शक्ति .
वर्ष है यह सभा के शदाब्दी वर्ष
कुछ करना है हिंदी प्रेमियों को
न वहां राज्य सरकार से प्रोत्साहन ,
न केंद्र सरकार से ,
खुद अपने परिश्रम और आमदनी से कर रहे हैं प्रचार.
मुफ्त में कुछ लोग , पैसे लेकर कुछ लोग
अन्यान्य कामों के बीच हिन्दी के प्रचार में ही लग जाते,
न पूर्ण कालीन हिदी के सहारे जीने वाले प्रचारक,
न यहाँ हिंदी में जीविकोपार्जन का मार्ग
फिर भी लाखों की संख्या में हिंदी के चाहक
कम से कम करें प्रशंसा के प्रोत्साहन.
अहिन्दी लेखकों को भी दें प्रोत्साहन.
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